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कौन होगा Allahabad University का नया कुलपति : कांटों भरा ताज पहनने से कतरा रहे अंसारी-तिवारी Prayagraj News

कार्यवाहक कुलपति प्रो. केएस मिश्र 14 जनवरी को रिटायर्ड हो रहे हैं। फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए संकट होगा। प्रो. पीके साहू एक दिन के कुलपति बन सकते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 03:09 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 06:50 PM (IST)
कौन होगा Allahabad University का नया कुलपति : कांटों भरा ताज पहनने से कतरा रहे अंसारी-तिवारी Prayagraj News
कौन होगा Allahabad University का नया कुलपति : कांटों भरा ताज पहनने से कतरा रहे अंसारी-तिवारी Prayagraj News

प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति की कुर्सी पर बैठने वाले का विवादों से वास्ता जरूर पड़ा है। कुछ विवाद कैंपस तो कुछ कोर्ट में सुलझाए गए। यही कारण है कि प्रो. हांगलू के इस्तीफे बाद कांटों भरा ताज पहनने में वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर प्रो. एसए अंसारी और प्रो. आरआर तिवारी कतरा रहे हैं।

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इविवि के कार्यवाहक कुलपति हैं प्रो. केएस मिश्र

प्रो. केएस मिश्र को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किए गए। वह भी 14 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय मानव संसाधन को सूचना दी गई तो मंत्रालय ने इविवि के वरिष्ठ प्रोफेसरों की सूची मांगी। मंत्रालय ने कहा कि कार्यवाहक कुलपति की जिम्मेदारी वरिष्ठता सूची के आधार पर किसी वरिष्ठ प्रोफेसर अथवा मंत्रालय के निर्देश पर किसी अन्य विवि के वरिष्ठ प्रोफसर को सौंपी जाएगी।

प्रो. साहू को एक दिन के लिए कुलपति बनाया जा सकता है

इविवि की बात करें तो वरिष्ठता सूची के लिहाज से प्रो. पीके साहू सबसे ऊपर हैं। हालांकि, वह भी 14 जनवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। चर्चा है कि प्रो. साहू को एक दिन के लिए कुलपति बनाया जा सकता है। सूची में सबसे ऊपर प्रो. अंसारी विवादों से घिरे रहे हैं। ऐसे में मंत्रालय किसी विवादित प्रोफेसर को जिम्मेदारी नहीं देगा।

वरिष्ठता सूची में कई और भी दिग्गज

मंत्रालय को भेजी वरिष्ठता सूची में कई और दिग्गज प्रोफेसर के नाम हैं। क्रमवार प्रो. पीके साहू, प्रो. एसए अंसारी, प्रो. आरआर तिवारी के अलावा प्रो. रंजना बाजपेई चौथे स्थान पर हैं। प्रो. आरके सिंह और प्रो. जीसी त्रिपाठी के नाम भी भेजे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रो. अंसारी और  प्रो. तिवारी के बाद प्रो. रंजना बाजपेई कार्यवाहक कुलपति बनने की प्रबल दावेदार हैं।

घड़ी की सुई तय करेगी वरिष्ठता सूची

मंत्रालय को भेजी गई वरिष्ठता सूची को लेकर भी अब अंदरखाने में सवाल खड़े हो रहे हैं कि इविवि प्रशासन ने वरिष्ठता सूची का निर्धारण किस तरह किया है, नियुक्ति की तारीख, सेवानिवृत्ति की तारीख अथवा प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की तारीख। दरअसल, इसके पूर्व में वरिष्ठता सूची को लेेकर विवाद भी हो चुका है। प्रो. आरआर तिवारी को विज्ञान संकाय का डीन नियुक्त किया था। इस पर प्रो. जगदंबा सिंह ने खुद को वरिष्ठ बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई तो उन्हें हटा दिया गया। यही नहीं प्रो. रंजना, प्रो. आरके सिंह और प्रो. जीसी त्रिपाठी की नियुक्ति एक दिन की होने के नाते वरिष्ठता के निर्धारण पर सवाल उठ रहे हैं।

इस आधार पर सूची का निर्धारण होगा

ऐसे में अंदरखाने में वरिष्ठता सूची और उसके निर्धारण की प्रक्रिया को सार्वजनिक करने की भी मांग हो रही है। हालांकि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का नियम है कि वरिष्ठता सूची का निर्धारण नियुक्ति की तारीख से होता है। सबसे रोचक बात यह है कि यदि एक ही दिन कई प्रोफेसर नियुक्त हुए हैं तो उस दिन सबसे पहले किसने ज्वाइन किया, इस आधार पर सूची का निर्धारण होगा।

हांगलू के विकास कार्यों पर लगेगी नए कुलपति की 'मुहर'

विवादों में घिरे प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने चार वर्षों के कार्यकाल में इविवि में बड़े पैमाने पर विकास कार्य भी कराए थे। उन्होंने करीब 50 करोड़ रुपये का कार्य कराया। इसमें प्रमुख रूप से विजयनगरम् हॉल, दरभंगा हॉल, सीनेट हॉल, हिंदी विभाग के हॉल का जीर्णोद्धार कराया। छात्र क्रिया कलाप केंद्र, नए हॉस्टल में काम कराया। हालांकि, इन कार्यों का वह शिलान्यास नहीं कर सके। ऐसे में अब उनके कार्यकाल में हुए विकास कार्यों पर नए कुलपति की मुहर लगेगी।


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