अंतरराष्ट्रीय मूछ नर्तक दुकान जी की अपील- शवों का दाह संस्कार कराने को आगे आएं स्वयंसेवी संस्थाएं
अंतरराष्ट्रीय मूंछ नर्तक दुकान जी ने गंगा की कटान से बाहर दिख रहे गंगा किनारे रेत में गाड़े शव के दाह संस्कार की अपील समाजसेवी संगठनों से की है। उन्होंने कहा कि बाहर दिखने वाले शवों को कुत्ते नोचकर खा रहे हैं। यह अमानवीय दृश्य है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी में मृतकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। प्रतिदिन कई संक्रमित जान गंवा रहे हैं। असमय मृत्यु होने के कारण उनके परिजन नियमानुसार अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं। संसाधन के अभाव व कोरोना के भय के कारण अधिकतर पार्थिव शरीर गंगा के किनारे गाड़े जा रहे हैं। वहीं, गंगा का कटान होने से शव बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मूछ नर्तक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डधारी राजेंद्र तिवारी उर्फ दुकान जी ने लोगों से आग्रह किया है।
अंतरराष्ट्रीय मूंछ नर्तक दुकान जी ने गंगा की कटान से बाहर दिख रहे गंगा किनारे रेत में गाड़े शव के दाह (जलाने) संस्कार की अपील की है। उन्होंने कहा कि बाहर दिखने वाले शवों को कुत्ते नोचकर खा रहे हैं। यह अमानवीय दृश्य है, जिसे खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। सिर्फ प्रशासन के भरोसे नहीं बैठना चाहिए।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डधारी ने कहा कि यह कार्य जनहित का है
दुकान जी का कहना है कि रेत में गड़े शवों के बाहर निकलने से राष्ट्रीय नदी गंगा में प्रदूषण बढ़ेगा और बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। इससे बचाने के लिए रोटरी क्लब, लायंस क्लब, भारत विकास परिषद सहित हर स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आना चाहिए, क्योंकि यह जनहित का कार्य है। जनसेवा का दावा करने वाली संस्थाओं को इस नेक कार्य में सहयोग देना चाहिए।
जिलाधिकारी से निर्देश देने का किया आग्रह
दुकान जी कहते हैं कि जिलाधिकारी समस्त रजिस्टर्ड संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करके उन्हें शवों को विधि-विधान से जलवाने में सहयोग करने का निर्देश दें। ऐसा करने से संस्थाएं काम करने को प्रेरित होंगी।