इनर रिंगरोड प्रोजेक्ट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्राथमिकता सूची में नहीं Prayagraj News
पांच हजार करोड़ की लागत से बनने वाले इनर रिंगरोड का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। क्योंकि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्राथमिकता सूची से इसे हटा दिया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बनने वाला इनर रिंगरोड का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इनर रिंगरोड बनाने के लिए भूमि की पैमाइश करवा ली थी। भूमि अधिग्रहण की तैयारी चल रही थी, लेकिन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्राथमिकता सूची से इनर रिंगरोड बाहर कर दिया गया है।
पांच हजार करोड़ की लागत से कुल 98 किलोमीटर का इनर रिंगरोड प्रोजेक्ट
एनएचएआइ को कौडि़हार-पुरामुफ्ती-बक्शी गांव-लावायन खुर्द-सहसों तक इनर ङ्क्षरगरोड पांच हजार करोड़ की लागत से कुल 98 किलोमीटर का बनाना था। इसके लिए 68 किलोमीटर भूमि का अधिग्रहण होना था। एनएचएआइ भूमि अधिग्रहण की तैयारी कर चुका था। हालांकि यह प्रोजेक्ट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्राथमिकता सूची से बाहर हो गया है। हाल ही मंत्रालय की जारी सूची में यह नहीं है। इसलिए यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है।
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट निदेशक बोले
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट निदेशक एके राय का कहना है कि मंत्रालय से निर्देश आने पर इनर ङ्क्षरगरोड के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। फिलहाल अभी इस प्रोजेक्ट का कोई काम नहीं हो रहा है।
रिंगरोड के लिए बनेंगे छह रेलवे ओवरब्रिज, छह फ्लाईओवर
इनर ङ्क्षरगरोड के लिए एनएचएआइ छह रेलवे ओवरब्रिज और छह फ्लाईओवर का निर्माण करवाएगा। इसके अलावा गंगा नदी पर दो अैर यमुना नदी पर एक बड़े पुल का निर्माण भी होगा। प्रोजेक्ट बड़ा है। इसको तैयार होने में तीन से चार साल का समय लगेगा।