प्रयागराज का गोल्ड मेडलिस्ट जिमनास्ट ह्वील चेयर पर, साई से मांगी मदद Prayagraj News
संदीप पाल का चयन हाल में ही दिल्ली के साई के हॉस्टल में हुआ था। वहीं इंदिरा गांधी स्टेडियम में जिमनास्टिक का अभ्यास कर रहे थे। उसी समय यह हादसा हो गया।
प्रयागराज,जेएनएन। जो कभी बेंच और फ्लोर पर अपने खेल से दर्शकों को दांतों तले उंगलिया दबाने पर मजूबर कर देता था। इसी प्रदर्शन के बूते खेलो इंडिया स्पर्धा के जूनियर वर्ग में गोल्ड और सीनियर में रजत पदक के साथ अब तक 23 पदक जीते हैं। वह आठ माह से ह्वील चेयर पर हैं। जिमनास्ट की दुनिया के उभरते हुए खिलाड़ी संदीप पाल फरवरी में डबल बैक साल्टो का अभ्यास करते हुए हादसे का शिकार हो गए। उनके गले की हड्डी में पांच जगहों पर फ्रैक्चर हो गया। संदीप ने खेल अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र और खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू और पीएम को ट्वीट कर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
अभ्यास के दौरान हुए जख्मी
चकनिरातुल राजरूपपुर निवासी संदीप पाल का चयन हाल में ही दिल्ली के साई के हॉस्टल में हुआ था। वहीं इंदिरा गांधी स्टेडियम में जिमनास्टिक का अभ्यास कर रहे थे। उसी समय यह हादसा हो गया। पांच फरवरी 2020 को हादसे के बाद इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में ऑपरेशन के बाद करीब पांच महीने तक वहां इलाज चला। जून के अंत में दिल्ली में कोरोना प्रसार को देखते हुए घरवालों नेे डॉक्टर के सुझाव पर अस्पताल से डिस्चार्ज करा लिया और प्रयागराज लेकर चले आए।
प्रतिमाह खर्च हो रहे करीब 60 हजार रुपये
प्रयागराज में घर पर ही डॉ. मोहित श्रीवास्तव की देखरेख में संदीप का इलाज चल रहा है। जरूरत के अनुसार डॉक्टर स्वयं आकर चेकअप व फिजियोथेरेपी करातेे हैं। खेल मंत्री किरण रिजिजू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभिनेता अक्षय कुमार व स्पोट्र्स अथारिटी आफ इंडिया के डायरेक्टर को किए ट्वीट में बताया गया है कि इलाज में करीब साठ हजार रुपये हर महीने खर्च हो रहे हैं। जो परिवार के लोग दे पाने में समर्थ नहीं है। पिता संतोष कुमार सेना में जेसीओ हैं और रुढ़की में तैनात हैं।
इलाहाबाद पब्लिक स्कूल से हुई प्रारंभिक पढ़ाई
संदीप ने बताया कि कक्षा चार तक की पढ़ाई इलाहाबाद पब्लिक स्कूल से की। उसके बाद 2013 में पिता के साथ रुढ़की आ गए। यहां सेना के ब्वायज स्पोट्र्स कंपनी को ज्वाइन कर जिमनास्टिक का अभ्यास शुरू कर दिया।
जीते हैं कई पदक
संदीप ने दिल्ली से खेलो इंडिया की कई प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया और जूनियर स्पर्धा 2018 में स्वर्ण पदक और 2020 में सीनियर वर्ग में रजत पदक जीता। 2018 तक यहीं पर अभ्यास करते हुए स्कूल स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी कई पदक जीते। अब तक कुल 23 पदक जीत चुके हैं।