वाराणसी में पीएम ने लिया आंवले का नाम तो बेल्हा मगन
आंवला उद्योग एसोसिएशन के चेयरमैन चंद्र प्रकाश शुक्ल कहते हैं कि यह बहुत ही खुशी की बात है। यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। इससे रोजगार बढ़ेगा। निर्यात की संभावना बढ़ेगी।
प्रतापगढ़ : अमृत फल के नाम से जाना जाने वाला प्रतापगढ़ का आंवला जिले की पहचान बन चुका है। सरकार के ओडीओपी योजना (एक जनपद-एक उत्पाद) में जिले से आंवले का चयन हुआ है। शनिवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब प्रतापगढ़ के आंवले को फेमस कहा तो बेल्हा मगन हो गया। इससे जुड़े व्यवसायी, किसानों व उद्यमियों ने खुशी जाहिर की है।
आंवला उद्योग एसोसिएशन के चेयरमैन चंद्र प्रकाश शुक्ल कहते हैं कि यह बहुत ही खुशी की बात है। यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। इससे रोजगार बढ़ेगा। निर्यात की संभावना बढ़ेगी। केंद्र सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। उनका मानना है कि सरकार की ओर से किसानों के लिए अच्छे दिन के संकेत मिल रहे हैं। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के सचिव अनुराग खंडेलवाल बताते हैं कि आंवला किसान बदहाल हैं। अभी तक सरकार ने आंवले का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया।
अगर सरकार यहां पर आंवले का उद्योग लगाए तो इससे किसान अधिक पेड़ लगाकर अधिक आंवले की पैदावारी करेंगे। शहर के प्रमुख आंवला व्यवसायी श्याम बाबू खंडेलवाल बताते हैं कि प्रतापगढ़ जिले का आंवले को संजीवनी की जरूरत है। यहां प्रसंस्करण यूनिट खोली जानी चाहिए। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित लाभ मिल सकेगा। आंवला किसान ज्वाला ¨सह, नीलकंठ ¨सह, रमेश प्रताप ¨सह, अतेंद्र ¨सह, जीतेंद्र ¨सह, वीरेंद्र प्रताप ने भी सकारात्मक उम्मीद की है। इससे जिले के व्यापारियों और किसानों में खुशी है। ये हैं खास बातें :
उत्पाद- सात हजार हेक्टेअर में
किस्मे - चकैया, एन-7, एन-6, 10, सांसी, बनारसी।
मुख्य क्षेत्र- गोड़े, कमास, टेकार, गोबरी, पारा हमीदपुर, दांदूपुर दौलत।