Move to Jagran APP

पंजीकरण मद में महज 25 पैसे मिलते है, ऑनलाइन खर्च है 25 रुपये Prayagraj News

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में छात्र छात्राओं का पंजीकरण शुरू होने वाला है। प्रधानाचार्य परेशान हैं क्‍योंकि ऑनलाइन खर्च अधिक होता है पर शिक्षा विभाग से कम राशि मिलती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:17 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 10:28 AM (IST)
पंजीकरण मद में महज 25 पैसे मिलते है, ऑनलाइन खर्च है 25 रुपये Prayagraj News
पंजीकरण मद में महज 25 पैसे मिलते है, ऑनलाइन खर्च है 25 रुपये Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। हाईस्कूल और इंटर में पंजीकरण शुरू होने वाला है लेकिन प्रधानाचार्य परेशान हैं कि ऑनलाइन पंजीकरण में लगने वाला धन कहां से आएगा। उनका कहना है कि यूपी बोर्ड ने फीस तो बढ़ा दिया लेकिन स्कूलों को पंजीकरण के मद में कोई वृद्धि नहीं की। करीब तीन दशक से प्रति छात्र पंजीकरण मद में 25 पैसा ही मिल रहा है जबकि फीस में हाल ही में तीन गुना बढ़ोतरी कर दी गई। 

loksabha election banner

 हाईस्कूल और इंटर के लिए पंजीकरण पांच अगस्त से शुरू होगा

यूपी बोर्ड ने नए सत्र से हाईस्कूल की फीस 202 से 501 रुपये और इंटर की फीस 222 से 601 रुपये तय कर दी है। हाईस्कूल और इंटर के लिए पंजीकरण पांच अगस्त से शुरू होगा। पंजीकरण ऑनलाइन होना है लेकिन ज्यादातर स्कूलों में कंप्यूटर ऑपरेटर या प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में बाहर से कंप्यूटर ऑपरेटर बुलाना पड़ता है जो हर पंजीकरण के लिए 20 से 25 रुपये मांगते हैं। 

शिक्षा विभाग तीन दशक से प्रति छात्र पंजीकरण को 25 पैसे देता है

पंजीकरण में खर्च 20 से 25 रुपये का खर्च होता है। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से तीन दशक पहले प्रति छात्र पंजीकरण के लिए स्टेशनरी की खातिर 25 पैसे निर्धारित हैं। इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। कक्षा 11 में प्रति छात्र 50 रुपये पंजीकरण शुल्क में 20 रुपये प्रधानाचार्य के खाते में जमा होने की बात कही गई थी लेकिन 30 रुपये बोर्ड सचिव और 20 रुपये कोषागार के खाते में जमा होने लगे। प्रधानाचार्य को पंजीकरण के लिए कोई धन नहीं मिलता है। 

समस्या का समाधान बताते हैं केपी कॉलेज के प्रधानाचार्य

इस बाबत केपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शास्त्री योगेंद्र सिंह से बात की गई हो तो उन्होंने भी कहा कि छात्रों से वसूले जाने वाले 50 रुपये पंजीकरण शुल्क से 20 रुपये प्रधानाचार्य के खाते में जमा हो तो समस्या दूर हो जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा का कहना है कि कॉलेज में कंप्यूटर प्रशिक्षित लिपिक और शिक्षकों से यह काम कराया जाना चाहिए लेकिन यह भी सच है कि ज्यादातर स्कूलों में इनकी नियुक्ति नहीं है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.