पंजीकरण मद में महज 25 पैसे मिलते है, ऑनलाइन खर्च है 25 रुपये Prayagraj News
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में छात्र छात्राओं का पंजीकरण शुरू होने वाला है। प्रधानाचार्य परेशान हैं क्योंकि ऑनलाइन खर्च अधिक होता है पर शिक्षा विभाग से कम राशि मिलती है।
प्रयागराज, जेएनएन। हाईस्कूल और इंटर में पंजीकरण शुरू होने वाला है लेकिन प्रधानाचार्य परेशान हैं कि ऑनलाइन पंजीकरण में लगने वाला धन कहां से आएगा। उनका कहना है कि यूपी बोर्ड ने फीस तो बढ़ा दिया लेकिन स्कूलों को पंजीकरण के मद में कोई वृद्धि नहीं की। करीब तीन दशक से प्रति छात्र पंजीकरण मद में 25 पैसा ही मिल रहा है जबकि फीस में हाल ही में तीन गुना बढ़ोतरी कर दी गई।
हाईस्कूल और इंटर के लिए पंजीकरण पांच अगस्त से शुरू होगा
यूपी बोर्ड ने नए सत्र से हाईस्कूल की फीस 202 से 501 रुपये और इंटर की फीस 222 से 601 रुपये तय कर दी है। हाईस्कूल और इंटर के लिए पंजीकरण पांच अगस्त से शुरू होगा। पंजीकरण ऑनलाइन होना है लेकिन ज्यादातर स्कूलों में कंप्यूटर ऑपरेटर या प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में बाहर से कंप्यूटर ऑपरेटर बुलाना पड़ता है जो हर पंजीकरण के लिए 20 से 25 रुपये मांगते हैं।
शिक्षा विभाग तीन दशक से प्रति छात्र पंजीकरण को 25 पैसे देता है
पंजीकरण में खर्च 20 से 25 रुपये का खर्च होता है। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से तीन दशक पहले प्रति छात्र पंजीकरण के लिए स्टेशनरी की खातिर 25 पैसे निर्धारित हैं। इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। कक्षा 11 में प्रति छात्र 50 रुपये पंजीकरण शुल्क में 20 रुपये प्रधानाचार्य के खाते में जमा होने की बात कही गई थी लेकिन 30 रुपये बोर्ड सचिव और 20 रुपये कोषागार के खाते में जमा होने लगे। प्रधानाचार्य को पंजीकरण के लिए कोई धन नहीं मिलता है।
समस्या का समाधान बताते हैं केपी कॉलेज के प्रधानाचार्य
इस बाबत केपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शास्त्री योगेंद्र सिंह से बात की गई हो तो उन्होंने भी कहा कि छात्रों से वसूले जाने वाले 50 रुपये पंजीकरण शुल्क से 20 रुपये प्रधानाचार्य के खाते में जमा हो तो समस्या दूर हो जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा का कहना है कि कॉलेज में कंप्यूटर प्रशिक्षित लिपिक और शिक्षकों से यह काम कराया जाना चाहिए लेकिन यह भी सच है कि ज्यादातर स्कूलों में इनकी नियुक्ति नहीं है।