Education: शारदा अभियान में परिषदीय स्कूलों के ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश भर में चलेगा। इसके लिए शासन से कुल 21 करोड़ 30 लाख 38 हजार का बजट जारी हो चुका है। सभी विद्यार्थियों का प्रशिक्षण उन्हीं विद्यालयों में होगा जहां उनका दाखिला है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। छह से 14 साल के ऐसे बच्चे जो स्कूल छोड़ चुके हैं, उन्हें दोबारा विद्यालय में पंजीकृत करने के लिए शारदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के जरिए स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों की योग्यता के स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। शासन की मंशा है कि यह बच्चे भी अन्य विद्यार्थियों के बराबर योग्यता हासिल करें और आगे भी पढ़ाई जारी रखे। इन बच्चों का प्रवेश उनकी आयु वर्ग के अनुसार सुसंगत कक्षाओं में किया जाता है।
विद्यार्थियों का प्रशिक्षण उन्हीं विद्यालयों में होगा जहां उनका दाखिला
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश भर में चलेगा। इसके लिए शासन से कुल 21 करोड़ 30 लाख 38 हजार का बजट जारी हो चुका है। सभी विद्यार्थियों का प्रशिक्षण उन्हीं विद्यालयों में होगा जहां उनका दाखिला है। यह भी कोशिश होगी कि प्रशिक्षण स्कूल के समय में ही पूरा किया जाए। इससे पहले 25 से 27 अक्टूबर के बीच प्रत्येक विकासखंड से दो एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण राज्य स्तरीय प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर देंगे। जनपद स्तर पर प्रशिक्षित एआरपी विकासखंड में विशेष प्रशिक्षण के लिए विद्यालयों में नामित नोडल अध्यापकों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे पहले एआरपी का प्रशिक्षण जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा मम्फोर्डगंज के सभागार में होगा।
बच्चों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन होगा
ड्रापआउट बच्चों के प्रशिक्षण के दौरान उनके शैक्षिक स्तर का भी मूल्यांकन किया जाएगा। उसके अनुसार सुसंगत कक्षाओं में उन्हें शामिल किया जाएगा जिससे वह मुख्य धारा से जुड़ सकें। एसएमसी के सदस्यों को भी इस प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी जाएगी। ड्रापआउट बच्चे नियमित रूप से स्कूल आएं इसके लिए उनका सहयोग लिया जाएगा। बीएसए इस पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण और अनुश्रवण करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि शारदा अभियान से ड्राप आउट बच्चों को लाभ होगा और वे शिक्षा की मुख्य धारा में आ जाएंगे।