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संचारी रोग को रोकने के लिए प्रयागराज में 5000 लोग कर रहे सर्वेक्षण, मलेरिया विभाग कर रहा निगरानी

पिछले 15 दिनों से प्रत्येक दिन 20 से अधिक लोगों को डेंगू हो रहा है। वहीं सरकारी अस्पतालों में डेंगू के जो भी वार्ड बने हैं उनमें मरीजों से बेड खाली नहीं हैं। संचारी रोगों को बढ़ने से रोकने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य व मलेरिया विभाग प्रयास कर रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 04:30 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 04:30 PM (IST)
संचारी रोग को रोकने के लिए प्रयागराज में 5000 लोग कर रहे सर्वेक्षण, मलेरिया विभाग कर रहा निगरानी
प्रयागराज का स्‍वास्‍थ्‍य व मलेरिया महकमा संचारी रोगों को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस जैसी महामारी से जंग जीतने में समझदारी दिखाने वाले लोग आखिर डेंगू से लड़ाई में पिछड़ रहे हैं। डेंगू से रोज जितने लोग बीमार हो रहे हैं उससे प्रयागराज जिले में 2019 के रिकार्ड जैसी तस्वीर अभी से बनने लगी है। नवंबर का महीना अभी शुरू हुआ है और जनपद में 794 लोग डेंगू से बीमार हो चुके हैं। यह स्थिति तब है जब संचारी रोगों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग के निर्देशन में 5000 से अधिक लोग शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सर्वेक्षण पर रहे।

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पिछले 15 दिनों से प्रयागराज जिले में प्रत्येक दिन 20 से अधिक लोगों को डेंगू हो रहा है। वहीं सरकारी अस्पतालों में डेंगू के जो भी वार्ड बने हैं उनमें मरीजों से बेड खाली नहीं हो पा रहे हैं। कारण है कि किसी अस्पताल में औसत चार या पांच मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं तो इनसे ज्यादा की संख्या में नए मरीजों की भर्ती हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों में बेड तो है लेकिन वहां इलाज काफी महंगा है।

शहर के मयोहाल चौराहा स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती मरीज के तीमारदार ने बताया कि पांच दिनों में उसके सवा लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। संगीत समिति के पास स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती मरीज के 4 दिन में डेंगू के इलाज के नाम पर 85000 रुपये खर्च हो गए । वहीं सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच के लिए शुल्क काफी कम है तथा इलाज मुफ्त में हो रहा है इससे अस्पतालों के बेड खाली नहीं हो पा रहे हैं।

डेंगू की जांच सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भी होती है फर्क इतना है कि प्राइवेट अस्पतालों में पहले तो रैपिड कार्ड से जांच होती है इसके बाद नमूना एलाइजा टेस्ट के लिए भेजा जाता है और अस्पतालों में इसके अलग-अलग शुल्क हैं ।जबकि सरकारी अस्पताल में एलाइजा टेस्ट के लिए नमूने लेकर मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं और इसका सरकारी शुल्क काफी कम है।

प्लेटलेट्स है कम तो हो जाएं सतर्क अगर आपके घर में किसी को तीन चार दिनों से बुखार आ रहा है आसपास किसी पैथोलॉजी में जांच कराने पर प्लेटलेट्स 60000 के आसपास आई है तो सतर्क हो जाएं क्योंकि आजकल डेंगू में ही प्लेटलेट्स काफी तेजी से कम हो रहे हैं। अगर आपके यहां भी किसी की जांच रिपोर्ट में प्लेटलेट्स कम आई है तो फौरन किसी सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।


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