इलाहाबाद विश्वविद्यालय हास्टल में छात्र आत्महत्या में नया मोड़, घरवालों ने कहा- झगड़े के बाद उठाया आत्मघाती कदम
ताराचंद हास्टल के कमरा नंबर जी 208 में फंदे पर लटक कर जान देने वाले छात्र के मोबाइल का लाक खोलने का पुलिस प्रयास कर रही है। उधर छात्र के परिवार के लोगों ने किसी से झगड़ा करने के बाद आत्महत्या का आरोप लगाया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ताराचंद हास्टल में फंदे पर लटक कर जान देने वाले छात्र आशुतोष तिवारी के मामले में नया मोड़ आ गया है। बुधवार को कर्नलगंज थाने पहुंचे घरवालों ने पुलिस को बताया कि आशुतोष तिवारी का फोन पर किसी व्यक्ति से झगड़ा हुआ था। इसके बाद ही उसने आत्मघाती कदम उठाया है। इसकी जानकारी घर वालों को भी छात्र ने दी थी। हालांकि वह यह साफ नहीं कर पाए हैं झगड़ा किससे और किस बात पर हुआ था।
राज पता लगाने पुलिस छात्र के मोबाइल का लाक खोलने का कर रही प्रयास : छात्र की आत्महत्या के राज का पता लगाने के लिए पुलिस उसके मोबाइल का लाक खोलने का प्रयास कर रही है। उधर, पोस्टमार्टम हाउस पर भी छात्रों का जमावड़ा लगा रहा है। फतेहपुर के ललौली निवासी आशुतोष तिवारी ने मंगलवार शाम ताराचंद हास्टल के कमरा नंबर जी 208 में फंदे पर लटक कर जान दी थी।
ताराचंद छात्रावास में लगाई थी फांसी : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ताराचंंद छात्रावास में मंगलवार शाम 23 वर्षीय छात्र आशुतोष तिवारी ने फंदे पर लटककर जान दे दी। फीस वृद्धि के विरोध में चल रहे आंदाेलन के बीच हुई इस घटना से खलबली मच गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने फोरेंसिक टीम के साथ छानबीन की। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उसके मोबाइल को कब्जे में लेकर पुलिस कारणों का पता लगा रही है।
कुलभाष्कर आश्रम पीजी कालेज में हार्टीकल्चर का छात्र था : आशुतोष तिवारी हमीरपुर के मौदहा का रहने वाला था। वह कुलभाष्कर आश्रम पीजी कालेज से हार्टिकल्चर द्वितीय वर्ष का छात्र था। ताराचंद छात्रावास के कमरा नंबर जी-208 में अपने मित्र तुषार कुमार सरोज के साथ रहकर पढ़ाई करता था। बताया गया कि शाम करीब साढ़े छह बजे साथी अश्वनी छात्रावास में पहुंचकर कमरे का दरवाजा खटखटाया। कोई उत्तर न मिलने पर खिड़की से देखा तो आशुतोष गमछे के फंदे में पंखे के चुल्ले से लटक रहा था। इसका पता चलते ही अंतेवासियों में खलबली मच गई। कुछ ही देर में वहां छात्रों की भीड़ लग गई।