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पशुपालकों और मुर्गीपालकों के लिए कृषि वैज्ञानिकों के आवश्‍यक टिप्‍स, इस पर जरूर ध्‍यान दें

पशुपालकों और मुर्गी पालकों को आवश्‍यक सलाह सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) नैनी प्रयागराज के वैज्ञानिकों ने दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को भी बेहतर खेती के लिए सलाह दी है। ऐसा करने से जहां पशुओं में रोग नहीं लगेगा वहीं खेती अच्‍छी होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 10:44 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 10:44 AM (IST)
पशुपालकों और मुर्गीपालकों के लिए कृषि वैज्ञानिकों के आवश्‍यक टिप्‍स, इस पर जरूर ध्‍यान दें
प्रयागराज में नैनी स्थित शुआट्स वैज्ञानिकों ने दी पशुपालकों और मुर्गीपालकों को आवश्‍यक सलाह दी है।

प्रयागराज, जेएनएन। बारिश के दिनों में अपने पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने पशुपालकों को आवश्‍यक टिप्‍स दी है। साथ ही मुर्गी पालकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। बारिश के दिनों में पशुओं में खुरपका, मुंहपका रोग तेजी से बढ़ता है। इसलिए इसकी रोकथाम के लिए पशुओं को टीका लगवाने की सलाह दी है। इन रोगों से ग्रसित पशुओं के घाव को पौटेशियम परमैग्नेट से धोने से फायदा मिलेगा। इस रोग पर समय रहते इलाज न होने पर जानलेवा हो जाता है। जिससे पशुपालकों काफी नुकसान उठाना पड़ता है। बारिश के दिनों में मुर्गी पालकों को भी सर्तक रहने की जरूरत है। मुर्गीपालन के डीप लीटर के बिछावन को नियमित रूप से उलटते रहें । नहीं तो मुर्गीयों में बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

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शुआट्स के कृषि वैज्ञानिकों ने धान के फसल के लिए किसानों को दी सलाह

पशुपालकों और मुर्गीपालकों को यह सलाह सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) के वैज्ञानिकों ने कृषकों को दी है। प्रयागराज के नैनी स्थित शुआट्स के कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह देतेे हुए कहा कि धान के फसल में यदि तना छेदक कीट का प्रकोप है तो ट्राइकोग्राम नामक परजीवी को 8-10 दिन के अंतराल पर डालना चाहिए। पहले कतार के अंदर ही सवा से डेढ़ मीटर की ऊंचाई पर गन्ने को बांध दें। बाद में एक कतार के गन्ने को दूसरे कतार के गन्ने से बांधें। ध्यान रखें कि इसे बांधते समय ऊपर की पत्तियां न टूटे।

किसान अन्‍य फसलों की बेहतरी के लिए यह करें

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानाें को सलाह दी है कि तोरिया की बुवाई के लिए सदैव उपचारित बीज का प्रयोग करें। पत्तागोभी की रोपाई सितंबर के अन्तिम सप्ताह से शुरू की जा सकती है। केले में प्रति पौधा 55 ग्राम यूरिया पौधे से 50 सेंटीमीटर दूर घेरे में प्रयोग कर हल्की गुड़ाई करके भूमि में मिला दें। ज्वार की फसल में हेडमिज व ईयर हेडबग की रोकथाम करें। सूरजमुखी में हेडराट, जिसमें पहले तने व फिर मुंडकों पर काले धब्बे बनते हैं, इसकी रोकथाम के लिए मैंकोजेब 0.3 प्रतिशत का मुंडक बनते समय छिड़काव करना चाहिए।


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