कोरांव धमाका : 24 साल से चल रहा था पटाखा बनाने का अवैध कारोबार Prayagraj News
कोरांव में पटाखा बनाने के चल रहे कारोबार के प्रति पुलिस अनजान ही बनी रही। धमाके में एक महिला की मौत हो गई जबकि दो जख्मी हो गए। इसके बाद भी पुलिस की लापरवाही दिखी।
प्रयागराज, जेएनएन। घनी आबादी के बीच कोरांव कस्बे में पिछले 24 साल से पटाखा बनाने का अवैध कारोबार चल रहा था। रविवार को हुए इस हादसे ने पुलिस की सक्रियता की पोल खोल दी है। मुहल्ले के कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि यह काम पुलिस के संरक्षण में चल रहा था। वहीं, हिना की मौत से परिवार में मातम छा गया है। आसपास के लोगों में अभी भी दहशत का माहौल है।
पुलिस को पटाखा व आतिशबाजी बनाने का काम चोरी-छिपे करने की थी जानकारी
पुलिस का दावा है कि कटरा मुहल्ला निवासी इलियास का पिता हनीफ लाइसेंस लेकर पटाखा बनाता था। लेकिन पिता की मौत के बाद इलियास बिना लाइसेंस के पटाखा बनाने लगा। हैरान करने वाली बात यह है कि कोरांव पुलिस की जानकारी में था कि इलियास पटाखा व आतिशबाजी बनाने का काम चोरी-छिपे करता है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटना के बाद कोरांव पुलिस अब खुद को बचाने के लिए तरह-तरह के जतन खोज रही है। पड़ोसियों का दावा है कि कारोबारी के घर से करीब एक किलो बारुद बरामद हुई है, जबकि कोरांव इंस्पेक्टर ऐसी जानकारी से अनभिज्ञता जता रहे हैं।
हैरानी की बात कि पंचनामा में सिलेंडर फटने का जिक्र
कोरांव पुलिस ने हिना के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पंचनामा को जो कागजात पोस्टमार्टम हाउस भेजा, उसमें गैस सिलेंडर फटने की बात लिखी है। जबकि सिपाही से लेकर उच्चाधिकारी तक जान रहे हैं कि धमाका विस्फोटक पदार्थ से हुआ है। धमाके के बाद पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम, बम निरोध दस्ते ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाते हुए छानबीन की।
साल भर पहले हुआ था निकाह
मीरजापुर निवासी हिना का निकाह एक साल पहले इलियास के बेटे वारिस के साथ हुआ था। कहा जा रहा है कि वारिस पिता के काम में हाथ बंटाता था। सात कमरों के मकान में कारोबारी, उसकी पत्नी रेशमा बानो, बेटा और बहू रहते थे। घटना के वक्त हिना सो रही थी। वहीं, पड़ोसी महिला अपने मकान में बर्तन साफ कर रही थी। लोगों का कहना था कि हादसा अगर देर रात होता तो हालात बदल सकते थे।
मऊआइमा में हुई थी 14 की मौत
मऊआइमा कस्बे के मियांजी का पूरा मुहल्ले में रहने वाले तैयब हुसैन के घर में भी करीब आठ साल पहले पटाखा के कारण भीषण विस्फोट हुआ था। इससे पूरा मकान जमींदोज हो गया था। हादसे में बदरुन्निसा, सितारा बेगम, सजनई, कुसुम देवी, गुलशेर, आसमा बेगम, इरफान, राहुल समेत कुल 14 लोगों की मौत हुई थी। तत्कालीन थाना प्रभारी को सस्पेंड करते हुए सभी 19 पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए थे।