कुंभ मेले में पीपा पुलों पर श्रद्धालुओं की डगर होगी कठिन
कुंभ के तहत पीपा के पुलों को बनाने में मानकों की अनदेखी की जा रही है। मेले में आने वाले लोगों को दिक्कत होगी।
प्रयागराज : पीपा पुलों को बनाने में मानकों की अनदेखी की जा रही है। कहीं पुल जरूरत से ज्यादा ऊंचे हो गए हैं तो कहीं नीचे। घुन लगी लकडिय़ां पुल को कमजोर बना रही हैं तो रास्ते पर कांसा की जगह पुआल बिछाया जा रहा है। टूटे स्लीपर हादसे का कारण भी बनेंगे। कहें कि आने वाले कुंभ मेले में पीपा पुलों पर श्रद्धालुओं की डगर कठिन होगी तो गलत नहीं होगा।
कुंभ मेला में बनाए जा रहे पीपा पुलों की रफ्तार पहले से ही सुस्त है। समय पर इनके तैयार होने में संशय हैं। जो पुल समय पर तैयार भी हो जाएंगे, उन पर चलना आसान नहीं होगा। अभी तक ओल्ड जीटी मार्ग, गंगोली शिवाला मार्ग, काली मार्ग, त्रिवेणी मार्ग, अक्षयवट मार्ग सहित जितने भी पांटून पुल बने हैं उसमें कोई भी बराबर नहीं है। इससे पुल पर चलने वाले वाहनों के पलटने का खतरा बना रहेगा।
पीपा पुलों पर खराब स्लीपर लगाया जा रहा :
पुलों पर लगने वाले साल स्लीपर की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी ने टीम गठित की थी। बावजूद उसके खराब स्लीपरों को पुलों में लगाया जा रहा है। स्लीपर के ऊपर कासा बिछाने के बाद ऊपर से बालू डालकर चकर्ड प्लेट बिछाई जाती है।
कासा की जगह बिछाया जा रहा पुआल :
इस बार कुंभ में कासा की जगह पुआल बिछाया जा रहा है। पुआल जल्द सड़ जाता है। ऐसे में मेला के दौरान पांटून पुलों में बड़ी दिक्कत खड़ी हो सकती है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता कहते हैं :
पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड चार के अधिशासी अभियंता विपिन पचौरिया का कहना है कि पानी के साथ ही सूखी जगह पर भी पीपे लगाए गए हैं, जिससे वह ऊपर-नीचे हो गए हैं। आवागमन में इससे दिक्कत नहीं होगी।