रिपोर्ट निगेटिव है तो करानी होगी टीबी की जाच
जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होती है और वे अपने आप को स्वस्थ मान लेते हैं लेकिन अब ऐसे लोगों की टीबी जांच कराई जाएगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होती है और वे अपने आप को स्वस्थ मान लेते हैं। ऐसी गलतफहमी में न रहें। यदि आपकी रिपोर्ट निगेटिव हैं और कोई लक्षण हैं तो टीबी यानी क्षयरोग की जाच करानी होगी। हो सकता है आप टीबी से ग्रसित हों। क्योंकि कई केस ऐसे मिले हैं जो कोरोना में निगेटिव, लेकिन टीबी से ग्रसित पाए गए। इसलिए अब शासन के निर्देश पर कोरोना निगेटिव वालों की टीबी की जांच होगी।
दरअसल, टीबी और कोरोना बीमारी के लक्षण एक ही हैं, जिसमें सांस फूलना, बुखार, खासी आना, वजन घटना आदि शामिल है। कोरोना का शक होने के चलते लोग टीबी नहीं बल्कि कोरोना की जाच करा रहे हैं और निगेटिव आते ही घर चले जाते हैं, बाद में हालत गंभीर होने पर पता चलता है कि वह तो टीबी के मरीज हैं। क्षयरोग विभाग अब ऐसे मरीजों की खोजबीन करेगा जो कोरोना निगेटिव होंगे। उन मरीजों की सैंपलिंग कराके सीबी-नॉट मशीन से उनके बलगम की जाच कराई जाएगी। इसके लिए प्रदेश के संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी सीएमओ व जिला क्षयरोग अधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजकर इस अभियान को गंभीरता से लेने के लिए निर्देशित किया है। सभी सीएचसी-पीएचएसी पर सैंपलिंग की व्यवस्था
टीबी की जाच के लिए बलगम की सैंपलिंग की व्यवस्था सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर की गई है। मरीज वहा पर जाकर अपनी सैंपलिंग करा सकते हैं। फिर उस सैंपल को डाक विभाग के सहयोग से लैब तक पहुंचाया जाएगा। जनपद में टीबी हॉस्पिटल तेलियरगंज, क्षयरोग कार्यालय, कोटवा बनी सीएचसी व करछना सीएचसी पर सीबी नॉट मशीन लगी है। वर्जन :
जो लोग निगेटिव आ रहे हैं और उनमें कोई लक्षण हैं तो उनकी सैंपलिंग हमारी टीम द्वारा कराई जाएगी और टीबी की जाच कराई जाएगी। कारण, टीबी और कोरोना की बीमारी के लक्षण एक ही हैं। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि खासी, बुखार व सास संबंधी समस्या होने पर वह कोरोना ही हो, वह टीबी भी हो सकता है।
- डॉ. एके तिवारी : जिला क्षयरोग अधिकारी, प्रयागराज