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हाउस टैक्स जमा न करने वाले छावनी परिषद के चुनाव में नहीं कर सकेंगे मतदान Prayagraj News

छावनी परिषद की मतदाता सूची जारी हो चुकी है। इसमें इस बार बदलाव नजर आएगा। यहां अवैध रूप से रहने वालों का नाम काटा गया है। नई सूची में सेना के अधिकारी और कर्मचारी बढ़े हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 11:27 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 05:30 PM (IST)
हाउस टैक्स जमा न करने वाले छावनी परिषद के चुनाव में नहीं कर सकेंगे मतदान Prayagraj News
हाउस टैक्स जमा न करने वाले छावनी परिषद के चुनाव में नहीं कर सकेंगे मतदान Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में अगले वर्ष फरवरी-मार्च में छावनी परिषद का चुनाव होगा। इसके लिए वोटर लिस्ट को तैयार कर लिया गया है। इस बार वोटर लिस्ट में काफी बदलाव किया गया है। इस बार छावनी परिषद के उसी घर के लोग वोट दे सकेंगे, जो हाउस टैक्स जमा करते हैं। साथ ही अवैध रूप से बसे लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। वहीं कैंट क्षेत्र में रहने वाले सेना के अफसरों और जवानों को भी वोटर बनाया गया है।

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नई मतदाता सूची में आधे मतदाता ही रह गए हैैं

देश भर में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) जब लागू होगा तब होगा। फिलहाल, छावनी परिषद के चुनाव की हलचल शुरू होते ही छावनी परिषद की मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) पर तो सेना ने मानो एनआरसी लागू कर दी है। उसी का परिणाम है कि नई मतदाता सूची में आधे मतदाता ही रह गए हैैं। अवैध तरीके से रह रहे लोगों का नाम सूची से कट गया है।

वोटर लिस्ट में इस बार काफी बदलाव हुआ है

छावनी परिषद के चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होंगे। यहां के सातों वार्डों की जनता अपने प्रतिनिधि का चुनाव करेगी। वोटर लिस्ट में इस बार भारी बदलाव हुआ है। इस चुनाव में अब वही लोग वोट दे पाएंगे, जो हाउस टैक्स जमा करते हैं। नगर निगम की तरह ही छावनी परिषद क्षेत्र को सात वार्डों में बांटा गया है। हर वार्ड में सभासद का चुनाव पांच साल में होता है। इसके लिए वोटर लिस्ट बन चुकी है। इस बार वोटर लिस्ट बनाने में काफी सावधानी बरती गई। पिछले चुनाव के वक्त छावनी क्षेत्र में 30 हजार से अधिक वोटर थे। इस बार मतदाता सूची में 15658 वोटर ही हैं। मतलब पिछले चुनाव की तुलना में वोटर आधे हो गए हैं।

कैंट की राजनीति करने वाले पूर्व पार्षदों को झटका लगा

दरअसल, कैंट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से लोग रह रहे थे। दशकों से कई लोग यहां की जमीन पर कब्जा करके घर बना लिए और वहीं रहते हुए वोटर भी बन गए थे। इस बार मतदाता सूची बनाने से पहले अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिह्नित कर नाम काट दिए गए। अब अगले चरण में इनको वहां से हटाया भी जाएगा। वहीं, जितने लोग अधिकृत रूप से मकान बनाए हुए हैं और नियमित हाउस टैक्स जमा कर रहे हैं, उन्हें वोटर लिस्ट में शामिल गया है। इस बदलाव से कैंट की राजनीति करने वाले पूर्व पार्षदों को झटका लगा है।

किस वार्ड में कितने मतदाता

- वार्ड एक (सदर बाजार) - 2434

- वार्ड दो (आइआइ बाजार) - 2208

- वार्ड तीन (आरआइ बाजार) - 2449

- वार्ड चार (शंभू बैरिक) - 1651

- वार्ड पांच (अफसर लाइन)- 1831

- वार्ड छह (बघाड़ा) - 4566

- वार्ड सात (संगम किनारे और किला) - 530 मतदाता

सबसे कम मतदाता वार्ड नंबर सात में हैं

सभी वार्डों में अवैध रूप से रहे लोगों की मतदाता सूची से छटनी की गई है। सबसे ज्यादा छटनी संगम तीरे और किला के आसपास रहने वालों की गई है। क्योंकि यहां पर सेना की जमीन पर तमाम लोग अवैध रूप से रह रहे थे। पिछले चुनाव के वक्त यहां पर 3804 मतदाता थे और इस बार 530 रह गए हैं। इसमें भी अधिकतर वोटर सेना के हैं। ऐसे ही वार्ड पांच में करीब 32 सौ वोटर थे, इस बार यहां पर आधे हो गए हैं। मतदाता सूची में इस बार सेना के अधिकारी और जवान बड़ी संख्या में मतदाता हो गए हैं।


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