Move to Jagran APP

शोधार्थियों से हॉस्टल खाली कराने पर बिफरे अनशनकारी

इविवि के छात्रसंघ भवन पर शनिवार को 123वें दिन छात्रनेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में अनशन जारी रहा। अनशनस्थल पर जिन शोध छात्रों का पाच वर्ष में मात्र तीन वर्ष पूरे हुए हैं उन्हें छात्रावास खाली करने की नोटिस दिया है। अनशनकारियों ने सवाल उठाया कि शेष दो वर्ष का अपना शोध कार्य वह कैसे पूरा करें? उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण छात्रावास छह महीने बंद थे और शोधार्थी अपना शोध कार्य पूरा करने में बाधित रहे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 08:28 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 08:28 PM (IST)
शोधार्थियों से हॉस्टल खाली कराने पर बिफरे अनशनकारी
शोधार्थियों से हॉस्टल खाली कराने पर बिफरे अनशनकारी

जासं, प्रयागराज : इविवि के छात्रसंघ भवन पर शनिवार को 123वें दिन छात्रनेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में अनशन जारी रहा। अनशनस्थल पर जिन शोध छात्रों का पाच वर्ष में मात्र तीन वर्ष पूरे हुए हैं, उन्हें छात्रावास खाली करने की नोटिस दिया है। अनशनकारियों ने सवाल उठाया कि शेष दो वर्ष का अपना शोध कार्य वह कैसे पूरा करें? उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण छात्रावास छह महीने बंद थे और शोधार्थी अपना शोध कार्य पूरा करने में बाधित रहे। सड़क सुरक्षा के बारे में दी गई जानकारी

loksabha election banner

जासं, प्रयागराज : जगत तारन महिला ग‌र्ल्स पीजी कॉलेज में शनिवार को साहित्यिक संस्कृति एवं सामाजिक संस्था मैत्री की तरफ से सड़क सुरक्षा से संबंधित व्याख्यान हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राजकुमार श्रीवास्तव एवं रमाकात शर्मा ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा से संबंधित बातें बताई। प्राचार्य प्रो. कमला दुबे, जगत तारन महिला पीजी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कस्तूरी भारद्वाज, डॉ. अंकिता चतुर्वेदी, डॉ. निर्मला गुप्ता आदि ने विचार रखे। संस्था के महासचिव धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव, नीता श्रीवास्तव, नंदिता आडवाल ने सहयोग किया। तथ्यों के आधार होना चाहिए इतिहास लेखन

जासं, प्रयागराज : आर्य कन्या पीजी कॉलेज के मध्यकालीन इतिहास विभाग की तरफ से शनिवार को औपनिवेशिक इतिहास लेखन विषयक राष्ट्रीय वेबिनार हुआ। मुख्य अतिथि इविवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी ने कहा कि हेरोडोट्स से इतिहास लेखन की शुरुआत मानी जा सकती है। इसके अनुसार तथ्यों के आधार पर इतिहास लेखन होना चाहिए। मुख्य वक्ता अलीगढ़ मुस्लिम विवि के प्रो. मानवेन्द्र पुंडीर ने बताया कि ब्रिटिश इतिहासकारों ने भारत में अपने शासन को अच्छा बताने के लिए यहा कि सभ्यता-संस्कृति को धूमिल किया। किन्तु कुछ औपनिवेशिक इतिहासकारों ने भारत की गरिमा का गुणगान भी किया। ऐसे में भारत का इतिहास लिखते समय दोनों ही विचारधाराओं का अध्ययन करना चाहिए। इस दौरान डीन आ‌र्ट्स प्रो. हेरंब चतुर्वेदी, कोटा विवि के प्रो. बीके शर्मा, जेपी विवि छपरा के डॉ. राजेश नाईक, हैदराबाद विवि के डॉ. विजय रामदास मंडला आदि ने भी विचार रखे। अध्यक्षता शासी निकाय के अध्यक्ष पंकज जायसवाल और अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डॉ. रमा सिंह ने की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.