कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सेवा को डेढ़ सौ गांव के लोग तैयार
कुंभ को भव्य व दिव्य बनाने के लिए शुक्रवार को एक और कोशिश शुरू हो गई। सेवा भाव के साथ कुंभ में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। कुंभ को भव्य व दिव्य बनाने के लिए शुक्रवार को एक और कोशिश शुरू हो गई। सामुदायिक सहभागिता अभियान नामक इस प्रयास के तहत कुंभ मेला क्षेत्र के आसपास के गांवों के लोगों को दुनिया के इस सबसे बड़े जनसमागम से जोडऩा है। इसके लिए प्रयाग संगीत समिति में आयोजित सेमिनार में लगभग डेढ़ सौ गांवों के प्रधानों, ग्राम पंचायत अधिकारियों, ब्लॉक प्रमुखों और ग्रामीणों को अतिथि देवो भव का पाठ पढ़ाया गया।
कुंभ मेला क्षेत्र के छह ब्लॉकों चाका, करछना, फूलपुर, बहादुरपुर, कौडि़हार व सोरांव के लगभग डेढ़ सौ गांवों के लोगों की भी सहभागिता पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए शुक्रवार दोपहर आयोजित सेमिनार में मंडलायुक्त डॉ.आशीष कुमार गोयल ने कहा कि कुंभ विश्व का सबसे बड़ा आयोजन है। इसमें आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को इलाहाबाद के निवासी ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने स्तर से सेवा भावना से सहयोग प्रदान करें। क्षेत्रीय लोग अपना सहयोग करने के साथ जरूरत होने पर सहायता के लिए संबंधित विभाग को भी सूचित करें।इससे तीर्थयात्रियों को असुविधाओं से न केवल बचाया जा सकेगा, बल्कि कुंभ में आने के उनके अनुभव को सुखद भी बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने से कुंभ में आने वालों की अतिथि में रूप में सेवा की जाए। आपके गांव से होकर गुजरने वाले पर्यटक भले आपकी भाषा न समझें लेकिन आपके प्रेम और सेवा की भाषा वे हमेशा समझेंगे और याद रखेंगे। कहा कि गांवों में भी लोग भंडारे और चाय के स्टॉल लगाकर सेवा कर सकते हैं। कहा कि सेवा भाव के साथ कुंभ में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना है।
कुंभ से पहले मिल सकता है शताब्दी एक्सप्रेस का तोहफा
रेलवे प्रशासन लखनऊ से इलाहाबाद के बीच एक और नई ट्रेन चला सकता है। यदि रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिली तो लखनऊ को एक और शताब्दी एक्सप्रेस का तोहफा मिलेगा। इसके लिए रेलवे ने परीक्षण कराने का आदेश दिया है, जिससे कुंभ के समय लखनऊ से इलाहाबाद जाने वाले संभावित यात्रियों की संख्या का पता लगाया जा सके। परीक्षण के बाद रेल कोच फैक्ट्री से रैक की डिमांड की जाएगी। जनवरी, 2019 में कुंभ का आयोजन होगा। लखनऊ से इलाहाबाद जाने के लिए अभी एसी क्लास की सुविधा सुबह लखनऊ प्रयाग इंटरसिटी, नौचंदी एक्सप्रेस और शाम को गंगा-गोमती एक्सप्रेस व त्रिवेणी एक्सप्रेस में मिलती है। प्रयाग इंटरसिटी और गंगा गोमती एक्सप्रेस में एसी चेयरकार की एक-एक बोगी ही लगती है। माना जा रहा है कि कुंभ में विदेशी सैलानी नई दिल्ली के बाद लखनऊ एयरपोर्ट आने वाले विमानों से सबसे अधिक आएंगे। यह सैलानी लखनऊ से ही ट्रेनों से इलाहाबाद जाएंगे। लखनऊ से वाराणसी के बीच एक एसी चेयरकार श्रेणी वाली ट्रेन चलाने का प्रस्ताव पहले से रेलवे बोर्ड के पास है। जबकि शासन ने लखनऊ से इलाहाबाद के बीच आधुनिक सुविधाओं वाली टे्रन चलाने की मांग रेलवे से की है।
रूट पर शताब्दी एक्सप्रेस की संभावित गति 100 और 110 किलोमीटर ही रखी जाएगी। यह ट्रेन नए रंग में दिखाई दे सकती है। परिचालन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, लखनऊ से इलाहाबाद के बीच शताब्दी एक्सप्रेस चलाने पर अभी विचार चल रहा है। रेलवे एक और व्यवस्था करेगा, जिसके तहत सुबह जाने वाली प्रयाग इंटरसिटी के लिए अतिरिक्त एसी बोगियों का भी इंतजाम किया जाएगा। प्रयाग इंटरसिटी को भी अपग्रेड करने की तैयारी है।