Kumbh 2019 : तीर्थराज में दूसरे शाही स्नान के लिए शाही पथ से निकलेगी संतों की सवारी
आस्था, विश्वास व संस्कृतियों के संगम में तीर्थराज प्रयाग के कुंभ में दूसरे शाही स्नान के मौनी अमावस्या पर्व पर आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु से संगम क्षेत्र ठसाठस भर गया है।
कुंभनगर, रवि उपाध्याय। अखाड़ों की शाही सवारी के लिए शाही पथ तैयार है। सोमवार को कुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के लिए अखाड़े भी तैयारी में जुटे रहे। अखाड़े अपना दमखम और वैभव दिखाने को बेकरार हैं। रविवार को अखाड़ों में दिनभर भारी भीड़ आती जाती रही। देश-विदेश के भक्त शाही स्नान में शामिल होने के लिए यहां पहुंच गए। विभिन्न प्रांतों के साधु संत भी आ गए हैं। जूना अखाड़े में नागा संन्यासियों के दर्शन एवं उनसे बातचीत करने के लिए लोगों की भारी भीड़ वहां डटी रही। जूना अखाड़ा सुबह आठ बजे संगम में डुबकी लगाएगा।
तीनों वैरागी अखाड़ों के आठ सौ महामंडलेश्वर अपने हजारों भक्तों के साथ स्नान के लिए तैयार हैं। शाही सवारी महावीर पांटून पुल से आएगी और त्रिवेणी पांटून पुल से वापस जाएगी। अखाड़े भी अपनी तैयारी में लगे रहे। विभिन्न अखाड़ों में ऊंट और घोड़े पहुंच चुके हैं। वैरागी अखाड़ों की शाही सवारी में घोड़ों पर बैठकर नागा संन्यासी करतब दिखाते चलेंगे। रथों पर चांदी के ङ्क्षसहासन एवं उन्हें फूलमालाओं से सजाया जाता रहा। निर्मोही अखाड़े के श्रीमहंत राजेंद्र दास ने बताया कि तीनों वैरागी अखाड़े में दो लाख से अधिक साधु संत, भक्त एवं महामंडलेश्वर स्नान करने को निकलेंगे। प्रशासन ने हाथी के लिए मना कर रखा है इसलिए अबकी हाथी की सवारी नहीं निकलेगी। ऊंट एवं घोड़े से उनके नागा संन्यासी चलेंगे। वैरागी अखाड़े को शैव अखाड़े के बाद स्नान के बाद समय दिया गया है। यह अखाड़ा 10.40 बजे संगम में डुबकी लगाने पहुंचेगा। जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि ने बताया पचास हजार से अधिक नागा संन्यासी यहां आ गए हैं। इनके दर्शन का पुण्य लाभ सिर्फ कुंभ में ही होता है। इसी प्रकार करीब 300 महामंडलेश्वर भी यहां आ चुके हैं। यह सभी रथ पर चलेंगे। अखाड़े के इष्टदेव दत्तात्रेय के साथ नागा संन्यासी आगे-आगे चलेंगे। फिर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि आगे रहेंगे। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवीन्द्र पुरी ने बताया कि करीब 25 हजार नागा संन्यासी उनकी शोभा यात्रा में होगे। 30 से अधिक महामंडलेश भी आ गए हैं। आचार्य बालकानंद के सबसे आगे रहेंगे। इस अखाड़े के साथ आंनद अखाड़ा भी सम्मिलत रहेगा। यह अखाड़ा सुबह 6.05 बजे संगम की ओर निकलेगा और एक घंटे बाद 7.05 बजे पहुंचेगा। वैसे महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़ा सबसे पहले सुबह 5.15 बजे संगम तट पर आएगा। अखाड़े सचिव महंत रवीन्द्र पुरी ने बताया कि अखाड़े के सात महामंडलेश्वर और सैकड़ों नागा संन्यासी शाही स्नान के लिए तैयार हैं। सबसे अंत में उदासीन अखाड़े का स्नान करना है। आचार्य महामंडलेश्वर गुरुशरणानंद के अगुवाई में शाही स्नान होगा। उदासीन में निर्मल अखाड़ा दोपहर बाद 3.40 बजे स्नान करेगा।
किन्नर अखाड़े पहुंचे महंत हरि गिरि
जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि रविवार की दोपहर किन्नर अखाड़े पहुंचे। शाही स्नान को लेकर किन्नर अखाड़े आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से बातचीत की। महंत हरि गिरि कुंभ पर्व में पहली बार किन्नर अखाड़े पहुंचे थे। यहां उन्होंने किन्नर संतों से एक घंटे तक बातचीत की। महंत हरि गिरि ने बताया कि किन्नर के शाही स्नान में भाग लेने से अखाड़े की शोभा बढ़ेगी।