इलाहाबाद हाई कोर्ट से हिस्ट्रीशीटर की बेटी ने अपने भाइयों से ही जान बचाने की लगाई गुहार, जानें पूरा मामला...
परिवार से जान का खतरा जताने वाली हिस्ट्रीशीटर की बेटी को अदालत में पेश करने का आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची को उसके भाइयों की अवैध निरुद्धि से मुक्त कराकर पूरी सुरक्षा के साथ नारी निकेतन में रखा जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। परिवार से जान का खतरा जताने वाली हिस्ट्रीशीटर की बेटी को अदालत में पेश करने का आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि याची को उसके भाइयों की अवैध निरुद्धि से मुक्त कराकर पूरी सुरक्षा के साथ नारी निकेतन में रखा जाए और 11 नवंबर को कोर्ट में पेश किया जाए।
हिस्ट्रीशीटर की बेटी निशी और उसके पति सौरभ गुप्ता द्वारा हाई कोर्ट में दूसरी बार दाखिल की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर सुनवाई कर रहे हैं। याची का कहना है कि वह बुलंदशहर के हिस्ट्रीशीटर मुकेश कुमार की बेटी है। उसके पिता पर 22 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल में बंद हैं। याची ने सौरभ गुप्ता से अपनी मर्जी से विवाह किया है। लेकिन, उसके भाई राबिन व कुलविंदर चौधरी शादी के खिलाफ हैं।
इससे पूर्व जब वे हाई कोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल करने आए थे तो दोनों भाई उसे सिविल लाइंस बस स्टेशन से जबरन गाड़ी में खींच ले गए थे। तब याची ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी और कोर्ट ने याची को उसके भाइयों से मुक्त कराकर नारी निकेतन में रखने और अदालत में पेश करने का आदेश दिया था।
याची ने कहा है कि पुलिस ने याची को बुलंदशहर के नारी निकेतन में रखा। वह हाई कोर्ट में पेश की जाती, इससे पहले ही उसके भाइयों ने सौरभ गुप्ता के पिता को अगवा कर लिया और नारी निकेतन में याची के पास धमकी भेजी कि यदि उसने हाई कोर्ट में परिवार वालों के खिलाफ कुछ भी कहा तो सौरभ के पिता को जान से मार देंगे। इससे डर कर याची ने हाई कोर्ट में कहा कि वह अपने माता-पिता के साथ जाना चाहती है। कोर्ट ने उसे उसके भाइयों के सुपुर्द कर दिया था।
दोबारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करके निशी और सौरभ ने कहा है कि जेल में बंद निशी के पिता ने उसके भाइयों को निर्देश दिया है कि परिवार के सम्मान के लिए वे निशी की हत्या कर दें। इसकी जानकारी निशी ने अपनी दादी के मोबाइल फोन से मैसेज कर सौरभ को दी है। कोर्ट ने कहा कि अदालत एक नागरिक की जान पर खतरे को देखते हुए चुप नहीं बैठ सकती। एसएसपी बुलंदशहर को निर्देश दिया है कि याची निशी जिस किसी के भी कब्जे में हो, मुक्त कराकर पूरी सुरक्षा के साथ नारी निकेतन में रखा जाय। यह पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है कि उसके भाई धमकाने न पाएं।