Dainik Jagran Impact : नहीं तोड़ी जाएगी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की ऐतिहासिक दीवार, बैकफुट पर PWD
Allahabad University पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक दीवार अब तोड़ी नहीं जाएगी। अब सड़क चौड़ीकरण के डिजाइन को नए सिरे से बनाया जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक दीवार अब तोड़ी नहीं जाएगी। दीवार ना तोड़े जाने का दबाव पड़ने पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का राजमार्ग निर्माण खंड बैकफुट पर आ गया है। सड़क चौड़ीकरण के डिजाइन को नए सिरे से बनाया जाएगा। इस पर शुक्रवार से ही काम शुरू हो गया। निर्माण इकाई से जुड़े अधिकारियों ने इविवि में पहुंचकर फिर से पैमाइश की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के साथ बैठक कर बिना दीवार तोड़े कैसे रास्ता बनाया जाए इस पर चर्चा की। लल्ला चुंगी के पास महिला कैंपस के कुछ हिस्से की दीवार तोड़े जाने पर सहमति बनी।
दैनिक जागरण ने नौ सितंबर के संस्करण में गिराई जाएंगी 'पूरब के ऑक्सफोर्ड की ऐतिहासिक दीवारें' शीर्षक से खबर छापी थी। खबर छपने के बाद विश्वविद्यालय में खलबली मच गई थी। दीवार गिराने के विरोध में काफी संख्या में पुरा छात्र खड़े हो गए थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो.रामकिशोर शास्त्री ने कुलपति से मिलकर विरोध दर्ज कराया था। पुरा छात्र भारतीय आयकर सेवा के अधिकारी शिवकुमार राय समेत अभय अवस्थी, प्रदीप मिश्र अंशुमन, बृजेंद्र मिश्र, समीर शंकर आदि ने भी नाराजगी जताई थी। इसको लेकर अधिवक्ता आकांक्षा यदुवंशी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र मेल भेजकर दीवार ना तोड़ने को लेकर याचिका दाखिल की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई भी होनी है।
व्यापक स्तर पर विरोध को देखते हुए पीडब्ल्यूडी के जो अधिकारी विश्वविद्यालय को समय देकर नहीं पहुंच रहे थे वे शुक्रवार को पैमाइश करने को आ गए। निर्माण इकाई ने दोपहर बारह बजे लल्ला चुंगी से लेकर केपीयूसी गेट तक नए सिरे से पैमाइश की। विश्वविद्यालय के कुल अभियंता नवीन सिंह के साथ सहमति बनी की लल्ला चुंगी के पास महिला कैंपस की कुछ दीवार ही तोड़ी जाएगी। मुख्य दीवार के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुल अभियंता नवीन सिंह ने कहा कि निर्माण इकाई के साथ सर्वे हुआ है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की दीवार नहीं तोड़े जाने पर सहमति बन गई है। लल्ला चुंगी के पास ही महिला कैंपस का कुछ हिस्सा टूटेगा। पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता प्रभाकर चौधरी ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ऐतिहासिकता से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। नए सिरे से सड़क का डिजाइन बनाया जाएगा। इस पर काम शुरू हो गया है। नई ड्राइंग लखनऊ भेजी जाएगी। इस पर सहमति बुधवार तक मिल जाएगी।