हाई कोर्ट ने कहा- तय अवधि के बाद सरकारी आवास खाली न करने वाले कर्मचारियों करें कार्रवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आवास खाली करने या अवधि बढ़ाने की यूनिफार्म पॉलिसी बनाने का भी निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। तबादला या सेवानिवृत्ति के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा तय समय पर सरकारी आवास खाली न करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और ऐसे लोगों से आवास खाली कराने के साथ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आवास खाली करने या अवधि बढ़ाने की यूनिफार्म पॉलिसी बनाने का भी निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने सहायक अध्यापक राकेश कुमार की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आदर्श सिंह ने बहस की। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार दो माह में सभी जिला प्राधिकारियों से अवधि बीतने के बाद भी सरकारी आवास खाली न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी एकत्र करें, फिर अगले एक माह में आवास खाली कराने की प्रक्रिया पूरी की जाए। कोर्ट ने आदेश की प्रति मुख्य सचिव को अनुपालनार्थ भेजने का निर्देश दिया है।
बता दें कि सहायक अध्यापक छोटेलाल यादव की प्रोन्नति के साथ तबादला कर दिया गया। इसके बाद भी उन्होंने काफी समय तक सरकारी आवास खाली नहीं किया। फिर वही आवास याची को आवंटित कर दिया गया, लेकिन आवास खाली न होने के कारण उसे कब्जा नहीं मिला। आवास खाली न करने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की गई, फिर कोर्ट की सख्ती के बाद आवास खाली करके याची को दिया गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों से मुआवजा वसूल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के लोक प्रहरी केस में दिए गए निर्देशों का पालन कराने का निर्देश दिया है।