प्रयागराज नाम के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 13 को
कोर्ट ने कहा कि जिले का नाम बदलने का मुद्दा केवल तथ्यात्मक न होकर कानूनी है।
प्रयागराज : इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि नाम बदलने की सरकार की अधिकारिता का मामला तय हो चुका है। बांबे, कोलकाता, बंगलौर आदि के नाम भी पूर्व में बदले गए हैं। इनको लेकर कोर्ट से निर्णय भी आ चुका है। ऐसे में इस केस की सुनवाई की अगली तारीख पर दोनों पक्ष सभी फैसलों को साथ लेकर आएं जिससे कि कोर्ट इस मामले में आदेश पारित कर सके। जनहित याचिका पर सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एपी साही और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा की जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता व राज्य सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता से पूर्व के फैसलों को साथ लेकर आने को कहा है। सुनवाई के समय जिले का नाम प्रयागराज किए जाने के खिलाफ दाखिल अन्य याचिकाओं का भी जिक्र हुआ। कोर्ट से अनुरोध किया गया कि वह सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करे, ताकि सभी पक्षों को सुनने के बाद सही निर्णय लिया जा सके। इस पर कोर्ट ने सभी संबंधित याचिकाएं 13 नवंबर को पेश करने को कहा। हालांकि कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि वे इस मामले में पूरी तैयारी के साथ आएं जिससे कि कोर्ट उसी दिन कोई निर्णय ले सके। कोर्ट ने कहा कि जिले का नाम बदलने का मुद्दा केवल तथ्यात्मक न होकर कानूनी है। इस कारण इस पर कानूनी बहस की आवश्यकता होगी।