Move to Jagran APP

इलाहाबाद हाई कोर्ट में पुलिस भर्ती मामले की सुनवाई बुधवार को

सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट को आदेश दिया है कि जनहित याचिका कायम करके प्रदेश में समय से पुलिस व सशस्त्र बलों की भर्ती में हो रही देरी के मामले की सुनवाई करें। भर्ती में देरी से कानून व्यवस्था व प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:40 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:40 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका कायम करके सुनवाई करने का दिया है आदेश

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट में पुलिस भर्ती मामले की 20 अक्टूबर को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट को आदेश दिया है कि जनहित याचिका कायम करके प्रदेश में समय से पुलिस व सशस्त्र बलों की भर्ती में हो रही देरी के मामले की सुनवाई करें। भर्ती में देरी से कानून व्यवस्था व प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को इस याचिका की जानकारी दी। इस पर मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका को बुधवार को सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया।

loksabha election banner

राज्य सरकार से मांगी है हाई कोर्ट ने जानकारी

मामले के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर राज्य सरकार से 19 अक्टूबर तक जवाब मांगा था। पूछा है कि क्या प्रदेश में पुलिस भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यदि चल रही है तो वह किस स्टेज पर है।

सेना में भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी के आरोपित को जमानत नहीं

प्रयागराज : फर्जी कर्नल बनकर सेना में भर्ती कराने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोपित दयाशंकर शर्मा की जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है l जिला जज अमरजीत त्रिपाठी ने डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि और आरोपित के अधिवक्ता को सुनकर जमानत अर्जी नामंजूर की। छत्तीसगढ़ निवासी ऋषि उपाध्याय रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 27 मार्च 2018 को कृष्ण मुरारी गौतम और संत कुमार ने आरोपित से मुलाकात कराई थी। अभियुक्त का परिचय सेना के कर्नल यसएन सिंह के रूप में कराया l कथित कर्नल ने वादी से उसके पुत्र प्रथम उपाध्याय को सेना में भर्ती कराने के लिए छह लाख रुपया लिया l उसके पुत्र की भर्ती को जानकर अन्य कई लोगों ने छह-छह लाख रुपया कथित कर्नल को दिया था l वादी और अन्य लोगों को बताया गया कि उनके पुत्र हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं l कुछ दिन बाद आशीष और शिवम किसी तरह भागकर घर पहुंचे तो उन्होंने कथित कर्नल की हकीकत के बारे में बताया। न्यायालय ने सेना में भर्ती कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर लोगों से उनका रुपए हड़प करने के मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज कर दी है l


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.