Move to Jagran APP

मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद सुरक्षा याचिका का कोई औचित्य नहींः इलाहाबाद हाईकोर्ट

सुनवाई नौ जुलाई को होनी थी, लेकिन उसी दिन सुबह जेल में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद मुन्ना बजरंगी के वकील स्वाति अग्रवाल ने हाईकोर्ट में मेंशन कर अदालत को इसकी जानकारी दी।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 09:12 AM (IST)
मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद सुरक्षा याचिका का कोई औचित्य नहींः इलाहाबाद हाईकोर्ट

जागरण (जेएनएन)। मुन्ना बजरंगी की सुरक्षा को लेकर पहले से दाखिल याचिका आज निस्तारित हो गई । कोर्ट ने कहा कि मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद इस याचिका का कोई औचित्य नहीं रहता इसलिए इसे निस्तारित कर दिया गया। उनकी वकील ने सीबीआई जांच कराने की बात कही लेकिन बेंच ने तकनीकी तौर पर यह कह कर याचिका निस्तारित कर दी कि सीबीआई की जांच का आदेश डबल बेंच करती है सिंगल नहीं। याचिका में बजरंगी की जेल में जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की गयी थी। न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने यह आदेश दिया।

loksabha election banner

यूपी की बागपत जेल में फ़िल्मी अंदाज़ में मौत के घाट उतारे गए पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी के क़त्ल की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज दोपहर में सुनवाई जस्टिस एसडी सिंह की सिंगल बेंच में दोपहर करीब 12.00 बजे हुई। सीबीआई जांच की मांग को लेकर अर्जी हाईकोर्ट में मुन्ना बजरंगी की वकील स्वाति अग्रवाल ने दाखिल की थी। इस अर्जी में उन्होंने कहा है कि मुन्ना बजरंगी ने पहले ही अपनी जान का खतरा बताते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की थी, ऐसे में उसकी मौत के पीछे का सच सामने आना ही चाहिए।

अर्जी में यह भी कहा गया है कि यूपी पुलिस की जांच से इंसाफ की उम्मीद नहीं है, इसलिए मर्डर केस की जांच सीबीआई से कराए जाने का आदेश दिया जाना चाहिए। अर्जी में मुन्ना बजरंगी के परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग उठाई गई है।बागपत जिला जेल में जुलाई की सुबह पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच सीबीआई से करवाने वाली याचिका की सुनवाई आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई। दरअसल, 16 मई को मुन्ना बजरंगी की ओर से सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसकी सुनवाई नौ जुलाई को होनी थी, लेकिन उसी दिन सुबह जेल में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद मुन्ना बजरंगी के वकील स्वाति अग्रवाल ने हाईकोर्ट में मेंशन कर अदालत को इसकी जानकारी दी।

एडवोकेट स्वाति अग्रवाल ने कोर्ट से हत्या की इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जेल परिसर में असलहा कैसे पहुंचा, इसकी भी जांच जरूरी है। साथ ही मुन्ना बजरंगी के परिजनों को क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की भी मांग कोर्ट से की। अधिवक्ता अग्रवाल ने कोर्ट में कहा कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। इसके बाद कोर्ट ने स्वाति अग्रवाल की याचिका स्वीकार करते हुए आज (बुधवार) की तारीख दे दी थी। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने भी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि इस याचिका पर हाईकोर्ट में चार जुलाई को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से मामले में जानकारी मांगी थी और सुनवाई की अगली तिथि नौ जुलाई तय की थी। लेकिन झांसी जेल से बागपत जेल शिफ्ट किए जाने के बाद ही माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या कर दी गई।इस बीच कोर्ट ने मुन्ना बजरंगी की हत्या करने वाले गैंगस्टर सुनील राठी को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस रिमांड में सुनील राठी से हत्या की वजह पता करेगी। साथ ही यह भी पूछताछ की जाएगी कि जेल में असलहा कैसे पहुंचा? 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.