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दिमागी बुखार के आंकड़ों में दर्ज की गई गिरावट : सिद्धार्थ नाथ Prayagraj News

कई जिलों के डीएम व सीएमओ के साथ प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ‍ सिंह ने बैठक की। उन्होंने कहा क‍ि प्रदेश में दिमागी के आंकड़ों में कमी आई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 01:38 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 01:38 PM (IST)
दिमागी बुखार के आंकड़ों में दर्ज की गई गिरावट : सिद्धार्थ नाथ Prayagraj News
दिमागी बुखार के आंकड़ों में दर्ज की गई गिरावट : सिद्धार्थ नाथ Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि विगत वर्ष की तुलना में प्रदेश में दिमागी बुखार के आंकड़ों में गिरावट आई है। इससे होने वाली मृत्यु दर घटी है। कहा कि विगत वर्षों की अपेक्षा इसमें 67 फीसद सुधार हुआ है। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रयागराज स्थित अपने आवास पर यह बातें कहीं।

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 कई जिलों के डीएम और सीएमओ को दिए निर्देश 

चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने देवरिया, बलिया और कुशीनगर के डीएम और सीएमओ से बात की। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि सभी निवारक उपायों को जेई-एईएस पर 2019 की कार्ययोजना के अनुसार अमल में लाया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया है कि तत्काल अंतर-विभागीय बैठकें आयोजित की जाएं। डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारी छुट्टी पर न भेजें जाएं। यह सुनिश्चित हो कि वेंटिलेटर उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ काम करें तथा सभी सीएमओ अपने क्षेत्राधिकार के हर पीकू और मिनी पीकू का नियमित दौरा करें। उन्होंने बताया कि दिमागी बुखार से निपटने के लिए गांव के अंदर ही व्यवस्था की गई है। 

बोले, ममता के अहम ने बढ़ाया डॉक्टरों का गुस्सा

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच विद्यमान वर्तमान विवाद के कारण यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। कहा कि ममता बनर्जी का अहम आड़े आ रहा है। वह डॉक्टरों के सामने झुकना नहीं चाह रही हैं। सिद्धार्थ नाथ ने डॉक्टरों से अपील किया कि वह शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताएं, लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी प्राथमिकता मरीज हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसे मामलों में वे डॉक्टरों के साथ खड़े रहे हैं और उनके विभाग की तरफ से लगभग 16 से 18 मामलों में एफआइआर दर्ज कराए गए। 

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