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जमकर हुई बरसात, गंगा-यमुना में बाढ़ का खतरा

इलाहाबाद : इलाहाबाद में मानसूनी बारिश का क्रम जारी है। रविवार रात से सोमवार दोपहर तक कभी तेज तो कभी रिमझिम का दौर जारी रहा। लगातार बारिश से गंगा-यमुना में बाढ़ की आशंका भी बलवती हो चली है। तटवर्ती इलाकों में रहने वाले चिंतामग्न हो चले हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 03:52 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 03:52 PM (IST)
जमकर हुई बरसात, गंगा-यमुना में बाढ़ का खतरा
जमकर हुई बरसात, गंगा-यमुना में बाढ़ का खतरा

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मानसूनी बारिश से मौसम सुहाना हो गया है। सोमवार को घटाएं जमकर बरसीं। पहले सावन सोमवार पर जलाभिषेक के लिए निकले श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बना, लेकिन शहर से लेकर गांव गिरांव में हालात अस्त व्यस्त रहे। वही घरों से निकले जिन्हें जरूरी काम था। ताजी बरसात से गंगा यमुना के जलस्तर में भी उफान है। तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग बाढ़ की आशंका से चिंतामग्न हो गए हैं। उनके रातों की नींद उड़ गई है।

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कहीं राहत, कहीं आफत

निरंतर बरसात से लोगों को उमस भरी गर्मी से तो राहत मिल गई है, लेकिन जनजीवन की दिनचर्या अस्त व्यस्त हो चली है। बदले मौसम का आनंद लेने के लिए लोगों की भीड़ पार्को में जुट रही है। घरों में चाय के साथ पकौड़े का आनंद लिया जा रहा है लेकिन शहर में सड़क चौड़ीकरण, सीवर लाइन बिछाने के लिए जगह-जगह हुई खोदाई से हालात खराब हो चले हैं। जगह-जगह बरसात का पानी भर गया है। बिजली की आवाजाही भी लगी है। सबसे अधिक दिक्कत सिविल लाइंस, बैरहना, जानसेनगंज, अल्लापुर, तेलियरगंज जैसे मुहल्ले में है। कीचड़युक्त मार्ग में बाइक सवारों के साथ पैदल चलने वाले लोग भी गिरकर चुटहिल हो रहे हैं।

अगले दो दिन तक बारिश के आसार

रविवार दोपहर से शाम तक खामोशी अख्तियार किए बदरा देर रात फिर शुरू हुए। रात दो बजे के आसपास जोरदार बरसात हुई। यह क्रम सोमवार की दोपहर तक जारी रहा। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हुई। करीब 82 एमएम बारिश हुई। तापमान में भी गिरावट आई है। अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहा तो न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस। मौसम विभाग आने वाले तीन चार दिनों तक बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। आइएमडी की वेबसाइट पर 02 अगस्त तक इलाहाबाद में जोरदार बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। पड़ोसी जिलों कौशांबी, प्रतापगढ़ में भी बारिश का क्रम इस अवधि तक बना रहेगा।

नहीं चल पाया पंप

बरसात अधिक होने के चलते पंपिंग स्टेशन में लगे पंपों ने रविवार को काम करना बंद कर दिया था। बख्शी बांध पंपिंग स्टेशन पर 30 क्यूसेक के तीन पंप 2017 में लगाए गए थे। अधिक बारिश होने से यह चल नहीं पाए। इसके चलते जलभराव अधिक हो गया। अल्लापुर व दारागंज में पानी भरने पर जेनरेटर लगाकर पंप को चलाया गया तब जाकर राहत मिली। मोरी गेट पर दो नंबर पंप का पाइप लीकेज हो गया। इसके चलते निचले इलाके में पानी भर गया।

हर घंटे बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर

मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण इलाहाबाद में गंगा तथा यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। यमुना में हर घंटे लगभग पांच सेमी पानी बढ़ रहा है। इसी तरह गंगा में लगभग डेढ़ सेमी पानी प्रति घंटा बढ़ रहा है। प्रशासन की ओर से निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ राहत चौकियों पर तैनात ड्यूटी स्टॉफ से निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की ओर से कंट्रोल रूम भी बना दिया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका नंबर है-0532-2404313। यहां लोग फोन कर राहत का आग्रह कर सकते हैं।

तीन साल पहले भी आई थी बाढ़

सिंचाई विभाग के मुताबिक नरोरा डैम, कालागढ़ डैम व हरिद्वार बैराज से लगभग एक लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश के कारण केन और बेतवा नदियां उफना उठीं हैं। इन नदियों का पानी यमुना में आ रहा है। इसलिए यमुना में तेजी से पानी बढ़ रहा है। शनिवार से रविवार शाम के बीच लगभग 90 सेमी पानी यमुना में बढ़ा है। इसी अवधि में गंगा में 50 सेमी पानी बढ़ा है। दोनों नदियों में जलस्तर बढ़ने से राजापुर, ऊंचवागढ़ी, बेली, चांदपुर, सलोरी, सादियाबाद, बघाड़ा, दारागंज नागवासुकि, बक्शीमोढ़ा, ककरहा घाट, बलुआघाट, करैलाबाग आदि मोहल्लों में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई है। लोगों की रात की नींद उड़ चली है। जिले के लगभग डेढ़ सौ गांव भी बाढ़ की आशंका से घिरे हैं। गांवों में प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी करा दिया गया है। तीन साल पहले गंगा यमुना खतरे का निशान पार कर गई थीं। तब वायुसेना के हेलीकाप्टरों से राहत सामग्री गिराई गई थी।

उपनगरीय क्षेत्रों में भी हाल बेहाल

उपनगरीय क्षेत्रों झूंसी, नैनी व फाफामऊ में भी जगह जगह जलजमाव हो गया है। इससे लोग परेशान हो रहे हैं। नगर पंचायत झूंसी में मुंसी का पूरा कजरहिया तालाब के पास बस्ती में बारिश का पानी भर गया है। कच्चे मकान की दीवार में दरार पड़ गई है। बस्ती के लोगों का कहना है कि जलनिकासी की व्यवस्था न होने से बस्ती में जलभराव हो जाता है। आवास विकास कालोनी, छतनाग रोड, चक हरिहर वन में जगह-जगह बरसात का पानी लगा है। जीटी रोड के चौड़ीकरण के लिए सड़क के दोनों ओर खोदे गए गड्ढे लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। रात में अंधेरा होने के बाद दो पहिया वाहन सवार गिरकर जख्मी हो रहे हैं।


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