Good News : हरित कौशल विकास कार्यक्रम से खुलेंगे रोजगार के द्वार Prayagraj News
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बेरोजगार युवाओं विद्यार्थियों और किसानों को बांस की नर्सरी तैयार करने बांस लगाने एवं पूरी तरह विकसित होने तक उसके प्रबंधन की विधिवत जानकारी दी जाएगी।
प्रयागराज, जेएनएन। युवाओं, विद्यार्थियों और किसानों के लिए अच्छी खबर है। हरित कौशल विकास कार्यक्रम से इनके लिए रोजगार और उद्यमिता की राह खुलेगी। इस कार्यक्रम के तहत बुधवार से पारि पुनस्र्थापन वन अनुसंधान केंद्र में बांस प्रवर्धन एवं प्रबंधन विषय पर 38 दिन का प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) शुरू हुई। इसमें प्रदेश भर से युवा, विद्यार्थी और किसान शामिल हो रहे हैं। संचालन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से हो रहा है। इसका मकसद उद्यमिता के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करना और जीविका का साधन खोजना है।
खुद का उद्यम भी लगा सकेंगे प्रशिक्षु
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने किया। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इन सभी का डाटा भी मंत्रालय भेजा जाएगा, ताकि जरूरत पडऩे पर उन्हें मंत्रालय से संबंधित सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में मास्टर ट्रेनर आदि की जिम्मेदारी दी जा सके। पारि-पुनस्र्थापन वन अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने बताया कि प्रशिक्षुओं को जो प्रमाणपत्र मिलेगा, उससे उन्हें मंत्रालय से संबंधित संस्थाओं एवं वन आधारित उद्योग धंधों में प्राथमिकता मिलेगी। खुद का उद्यम भी लगा सकते हैं।
बांस की नर्सरी लगाने, उसके प्रबंधन की देंगे जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बेरोजगार युवाओं, विद्यार्थियों और किसानों को बांस की नर्सरी तैयार करने, बांस लगाने एवं पूरी तरह विकसित होने तक उसके प्रबंधन की विधिवत जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण देने के लिए देहरादून, अगरतला, असम, बेंगलुरु के साथ ही स्थानीय विशेषज्ञ अलग-अलग दिनों में शामिल होंगे।
प्रयोगशाला भी देखेंगे
प्रशिक्षण में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला का भ्रमण भी कराया जाएगा। उन्हें लखनऊ स्थित बांसों की नर्सरियां, बंबू (बांस) सीटम और टिसू कल्चरल प्रयोगशाला व कानपुर स्थित वन विभाग की प्रयोगशाला ले जाया जाएगा। जहां वे प्रयोगशाला में बांस से जुड़ी नई चीजों को देख और समझ सकेंगे।