Haridwar Kumbh 2021: कोरोना काल में कुंभ मेला कराने का गुर सीखने आए हरिद्वार के अफसर
इस साल हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन कराया जा रहा है। वहां पर पहला शाही स्नान मार्च में होगा। वहां पर तैयारियां चल रही हैं। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वहां के अधिकारी परेशान थे कि वह कोरोना से बचाव के इंतजाम कैसे करें।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना संक्रमण के दौर में संगम किनारे माघ मेला का आयोजन प्रयागराज प्रशासन करवा रहा है। इस मेले में देश-विदेश से लाखों लोगों का आवागमन होगा। प्रयागराज प्रशासन मेले का आयोजन कैसे करा रहा है और कोरोना से बचाव के क्या इंतजाम कर रहा है। यह देखने के लिए हरिद्वार से कुछ अफसरों की टीम यहां पर आई हुई है। यहां मेला कराने का तरीका देखने के बाद वह हरिद्वार में होने वाले कुंभ में व्यवस्था करेंगे।
हरिद्वार में इस बार आयोजित किया जा रहा कुंभ मेला
इसी साल हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन कराया जा रहा है। वहां पर पहला शाही स्नान मार्च में होगा। वहां पर आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वहां के अधिकारी परेशान थे कि वह कोरोना से बचाव के इंतजाम कैसे करें। मेले में आने वाले संतों और श्रद्धालुओं को कोरोना से कैसे बचाया जाए। कितनी दूरी पर तंबू लगाया जाए। स्नान घाटों पर व्यवस्था कैसे की जाए।
गुरुवार की शाम को ही पहुंच गई हरिद्वार से अफसरों की टीम
माघ मेले की व्यवस्था देखने के लिए हरिद्वार से अधिकारियों की टीम गुरुवार की शाम प्रयागराज आ गई है। उस टीम ने यहां अधिकारियों से मुलाकात की। आज वह अखाड़ा परिषद की होने वाली बैठक में भी शामिल होंगे। बैठक के बाद मेला क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। माघ मेला में काम करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी वे बात करेंगे। उसके बाद वह हरिद्वार के कुंभ मेले में वैसी ही व्यवस्था कराएंगे।
कोरोना संक्रमण से श्रद्धालुओं का बचाव सबसे बड़ी चुनौती
माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं और संतों को कोरोना संक्रमण से बचाना मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इससे बचने के लिए मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह बच्चों और बुजुर्गों को मेले में न लाएं। मेले में आने वाले कोरोना की जांच करा कर ही आएं। यदि किसी को कोई बीमारी है तो मेला में ना ही आएं। कम से कम लोग आएं तो ही बेहतर होगा। फिलहाल माघ मेला प्रशासन की अपील का कोई असर होते दिख नहीं रहा है। हर साल आने वाली संस्थाएं मेले में अपना टेंट, पंडाल लगाने के लिए जमीन कटवाने के लिए सक्रिय हैं।