Move to Jagran APP

द्रोणाचल पर्वत लेकर उड़े हनुमान जी, दर्शक प्रफुल्लित

रामलीला में हनुमान जी लक्ष्मण कीजानबचाने के लिए पर्वत ही उठा लाए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 01:05 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 01:05 AM (IST)
द्रोणाचल पर्वत लेकर उड़े हनुमान जी, दर्शक प्रफुल्लित
द्रोणाचल पर्वत लेकर उड़े हनुमान जी, दर्शक प्रफुल्लित

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : विजयादशमी की पूर्व संध्या अर्थात नवरात्र की नवमी तिथि पर अलग-अलग मोहल्लों में मंचित रामलीला में रावण के पुत्र मेघनाद वध की लीला हुई। उसे देखने के लिए हर जगह दर्शकों की भारी भीड़ जुटी। श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी की 'कथा रामराज की' में ध्वनि-प्रकाश के माध्यम से मोहक लीला मंचित हुई। युवराज अंगद को शांतिदूत के रूप में रावण के दरबार में आकर उसको सीता को ससम्मान श्रीराम को सौंपने की सलाह दी। इससे रावण आगबबूला होकर अंगद को उठाकर सागर में फेंकने का आदेश दिया। रोष में अंगद पृथ्वी पर पैर जमा देते हैं, जिसे कोई हिला नहीं पाता। इसके बाद कुंभकर्ण को युद्ध के लिए जगाया गया। युद्धक्षेत्र में विशालकाय कुंभकर्ण ने भयंकर विप्लव, वानरों का संहार करते श्रीराम की सेना में आतंक पैदा कर दिया। त्राहि-त्राहि करने लगे राम के वानर सैनिक। अंतत: श्रीराम कुंभकर्ण का वध कर देते हैं। इसके बाद रावण का बेटा इंद्रजीत मेघनाद युद्ध में उतरा। मेघनाद की बाण से लक्ष्मण मृतप्राय होकर पृथ्वी पर संज्ञाशून्य होकर गिर पड़े। बेसुध लक्षमण के शरीर से लिपट कर क्रंदन करते श्रीराम को देखकर दर्शक भी विह्वल हो गए। हनुमान जी लंका के राजवैद्य सुषेण को ले आते हैं। सुषेण ने द्रोणाचल पर्वत से संजीवनी लाने की सलाह दिया। हनुमान जी पूरा पर्वत लेकर आते हैं। पर्वत लेकर हनुमान जी को उड़ते देखकर दर्शक प्रफुल्लित होकर 'जय श्रीराम-जय हनुमान' का उद्घोष करने लगे। सुषेण के प्रयास से लक्ष्मण पूर्ण स्वस्थ हो गए। युद्धभूमि में आकर मेघनाद का वध कर दिया।

loksabha election banner

लक्ष्मण के मूर्छित होने पर दर्शक व्याकुल प्रयागराज : श्रीकटरा रामलीला कमेटी की 'संपूर्ण रामायण की राम कथा' के नौवें दिन ध्वनि-प्रकाश के माध्यम से भव्य लीला मंचित हुई। कमेटी के अध्यक्ष सुधीर गुप्त व गोपालबाबू जायसवाल के पूजन करने के बाद लीला आरंभ हुई। ²श्य-लंकापति रावण के दरबार का। रावण के पास आए अंगद समझाते हुए सीता को सम्मानपूर्वक श्रीराम को सौंपने का आग्रह करते हैं। अहंकार से भरा रावण उसके आग्रह को ठुकराते हुए बोला, उसका मुकाबला कोई वनवासी नहीं कर सकता। फिर युद्ध के लिए कुंभकरण को जगाया जाता है। कुंभकरण युद्ध में मारा जाता है। फिर मेघनाथ युद्ध में आता है। मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित होकर गिर पड़े। लक्ष्मण के लिए श्रीराम को विलाप करते देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गईं।

हनुमान जी उठा लाए पूरा पर्वत प्रयागराज : श्रीमहंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी की लीला में रोमांचक ²श्य मंचित हुए। सचिन कुमार गुप्ता के निर्देशन में ध्वनि-प्रकाश के माध्यम से मंचित लीला में लक्ष्मण के मूर्छित होने पर श्रीराम को विलाप करते हुए देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गईं। लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी बूटी लेने गए हनुमान जी पूरा पर्वत उठा लाते हैं। संजीवनी बूटी से लक्ष्मण का मूर्छा खत्म हो गई। वो युद्ध में मेघनाद का वध कर देते हैं। लीला में मोहन जी टंडन (टंडन भैया), अमिताभ टंडन, राजेश मल्होत्रा, गिरी शंकर प्रभाकर, सागर पांडेय, रवि गुप्ता मौजूद रहे। ------------------ सुलोचना के विलाप पर नम हुईं आंख प्रयागराज : श्रीदारागंज रामलीला कमेटी के लीला संयोजक सियाराम शास्त्री के निर्देशन में लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध का मंचन हुआ। घनघोर युद्ध में मेघनाद का वध हो जाता है। इसके बाद लीला स्थल पर सुलोचना के विलाप का मार्मिक मंचन हुआ, जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं। कमेटी के मीडिया प्रभारी तीर्थराज पांडेय 'बच्चा भैया' ने बताया कि शुक्रवार को अलोपीबाग लीला ग्राउंड पर रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। लीला में कमेटी के अध्यक्ष कुल्लू यादव, महामंत्री जितेंद्र गौड़, ध्रुव नारायण, सत्येंद्र तिवारी, लाल पंडा, अरविद पांडेय मौजूद रहे। संजीवनी बूटी से खत्म हुई लक्ष्मण की मूर्छा प्रयागराज : बाघम्बरी क्षेत्र श्रीरामलीला कमेटी अल्लापुर की आकर्षित लीला मंचित हुई। कुंभकरण वध होने के बाद मेघनाद युद्ध करने के लिए आता है। मेघनाद दैवीय अस्त्रों का प्रयोग करके लक्षण को मूर्छित कर देता है। लक्ष्मण के मूर्छित होने पर श्रीराम की सेना में शोक की लहर दौड़ गई। फिर संजीवनी बूटी से लक्ष्मण की मूर्छा खत्म हो गई। युद्ध में वो मेघनाद का वध कर देते हैं। मेघनाद के वध के बाद सती सुलोचना का मार्मिक विलाप हुआ। रामलीला महासंघ के अध्यक्ष फूलचंद्र दुबे ने बताया कि तुलसी मंच के पास शुक्रवार को लीला के बाद रावण के पुतले का दहन होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.