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एक किलो का एक अमरूद...फिर तो जरूर यह 'जंबो' ही होगा Prayagraj News

इलाहाबादी अमरूद की बात ही कुछ और है। नाम सुनकर ही मुंह में पानी आने लगता है। अब सुर्खा के बाद वीएनआर बीही व श्‍वेता व धवल प्रजाति का अमरूद प्रयागराज की पहचान बनेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 12:37 PM (IST)
एक किलो का एक अमरूद...फिर तो जरूर यह 'जंबो' ही होगा Prayagraj News
एक किलो का एक अमरूद...फिर तो जरूर यह 'जंबो' ही होगा Prayagraj News

प्रयागराज, [विजय सक्सेना]। इलाहाबाद (अब प्रयागराज) और कौशांबी के अमरूद के शौकीन पूरी दुनिया में हैैं। यहां होने वाले सेबिया अमरूद को सुर्खा के नाम से भी जाना जाता है। लाल और सेब जैसे दिखने वाले इस अमरूद की अलग पहचान है। इसकी पैदावार सिर्फ प्रयागराज और कौशांबी की सीमा से लगे गांवों में ही होती है। अब जल्द ही एक और नई प्रजाति 'वीएनआर बीही' का अमरूद प्रयागराज की पहचान होगा।

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श्वेता एवं धवल प्रजाति के अमरूद की भी किसान करेंगे

'जंबो' आकार वाला यह अमरूद अन्य के मुकाबले काफी मीठा होगा। इस 'जंबो' के साथ दो और नई प्रजाति श्वेता एवं धवल की फसल भी लहलहाएगी। खुसरोबाग स्थित औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र में इन तीनों प्रजातियों की नर्सरी तैयार की जा रही है। किसान इसे अगले वर्ष खेतों में लगा सकेंगे। उसके बाद एक वर्ष में पेड़ों पर अमरूद होने लगेंगे।

वीएनआर बीही प्रजाति के अमरूद के पौधे छत्तीसगढ़ के रायपुर से लाए गए

वीएनआर बीही प्रजाति के अमरूद के पौधे छत्तीसगढ़ के रायपुर से लाए गए हैैं। पहले चरण में 400 पौधों से खुसरोबाग में नर्सरी तैयार की जा रही है। इस प्रजाति की खासियत यह है कि एक-एक अमरूद का वजन औसतन पांच सौ ग्राम से एक किलोग्राम तक होगा। इसके साथ ही नर्सरी में तैयार किए जा रहे श्वेता और धवल प्रजाति के अमरूद के पौधे लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा से मंगाए गए हैैं। पहले चरण में नर्सरी में सौ-सौ पौधे लगाए गए हैैं। श्वेता प्रजाति की खासियत है कि यह सफेदा अमरूद के मुकाबले स्वाद में बेहतर होंगे। इसमें बीज भी कम होगा। उपज भी अधिक होगी। धवल प्रजाति के अमरूद काफी चमकदार होंगे और साइज में सामान्य की तुलना में बड़े होंगे।

खुसरोबाग के उद्यान विशेषज्ञ बोले

औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग के उद्यान विशेषज्ञ कृष्ण मोहन चौधरी कहते हैं कि जंबो आकार वाले वीएनआर बीही प्रजाति के अमरूद की पैदावार अभी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हरियाणा के कुछ इलाकों में हो रही है। खुसरोबाग में इसकी नर्सरी तैयार की जा रही है। श्वेता प्रजाति भी किसानों के लिए लाभदायक होगी, क्योंकि इसकी भी उपज ज्यादा है।


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