Move to Jagran APP

वाराणसी के डीएसपी रेलवे जुटा रहे पंडित दीनदयाल की मौत के साक्ष्य

पं. दीन दयाल की मौत की सच्चाई जानने के लिए अंबेडकर नगर के जलालपुर तहसील के ग्राम मालीपुर निवासी भाजपा नेता राकेश गुप्त ने छह नवंबर 2017 को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने पंडित दीनदयाल की हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी। डीजीपी के माध्यम से जांच आइजी जीआरपी इलाहाबाद मंडल को मिली। अब जीआरपी के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उस वक्त के केस डायरी, एफआइआर सहित सारे दस्तावेज गायब हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 02:05 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 02:05 PM (IST)
वाराणसी के डीएसपी रेलवे जुटा रहे पंडित दीनदयाल की मौत के साक्ष्य

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य पं. दीनदयाल उपाध्याय की मौत एक बार फिर चर्चा में है। एक भाजपा नेता की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने इस मामले में आइजी जीआरपी से रिपोर्ट मांगी है। जिसके बाद वाराणसी के डीएसपी जीआरपी उनकी मृत्यु से संबंधित साक्ष्य जुटा रहे हैं। मुगलसराय (दीनदयाल उपाध्याय) स्टेशन स्थित जीआरपी थाना उन्हीं के रेंज में आता है, जहां पंडित दीनदयाल की मौत हुई थी।

loksabha election banner

दीनदयाल की मौत की सच्चाई जानने के लिए अंबेडकर नगर जिले के जलालपुर तहसील के ग्राम मालीपुर निवासी भाजपा नेता राकेश गुप्त ने छह नवंबर 2017 को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने पंडित दीनदयाल की हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी। डीजीपी के माध्यम से जांच आइजी जीआरपी इलाहाबाद मंडल को मिली। अब जीआरपी के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उस वक्त के केस डायरी, एफआइआर सहित सारे दस्तावेज गायब हैं। वहीं जिन पुलिस कर्मियों ने दीनदयाल के शव का पंचनामा किया था उनके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में एसपी रेलवे ने वाराणसी के डीएसपी को पत्र भेजकर दो दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इस रिपोर्ट में कुछ खास सामने आने के आसार नहीं हैं। ऐसे में अब जीआरपी ने सीबीआइ जांच की मांग करने वाले भाजपा नेता को भी पत्र भेजकर साक्ष्य की मांग की है। पटना जाते समय हुई थी मौत

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मौत 11 फरवरी 1968 को हुई थी। वह उस समय भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष थे। दिल्ली से पटना में आयोजित पार्टी की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे थे। मुगलसराय (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय) स्टेशन के यार्ड में पटरी से करीब 150 गज दूर एक बिजली के खंभे के पास उनका शव मिला था। पुलिस उनकी पहचान नहीं होने पर अज्ञात में पंचनामा भर दिया। बाद में एक कर्मचारी ने उनकी शिनाख्त की। हुई थी तीन लोगों की गिरफ्तारी

दीनदयाल उपाध्याय की मौत के बाद जीआरपी के मुगलसराय थाने में मुकदमा लिखा गया था। इसमें भरत लाल, राम अवध व लालता नामक व्यक्ति हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे, लेकिन कोर्ट में आरोप साबित न होने पर रामअवध व लालता दोषमुक्त हो गए। जबकि भरत को चोरी करने के लिए चार साल की सजा मिली थी।

-------

नहीं हुआ था पोस्टमार्टम

भाजपा नेता राकेश गुप्त का कहना है कि दीनदयाल की मौत के बाद पोस्टमार्टम नहीं किया गया। वह कांग्रेस व वामपंथी नेताओं पर दीनदयाल की हत्या कराने का शक जाहिर कर रहे हैं। शिकायती पत्र में उन्होंने लिखा है कि पश्चिम बंगाल व दिल्ली में बैठे वामपंथी व कांग्रेसी नेता दीनदयाल की हत्या की साजिश रच रहे थे।

-------

सीबीआइ करे जांच : राकेश

भाजपा नेता राकेश गुप्त जीआरपी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। वह कहते हैं कि दीनदयाल की मौत के पांच साल बाद 1973 में उनका जन्म हुआ है। अगर कोई साक्ष्य होता तो उसके आधार पर हत्यारे को अब तक सजा दिला चुके होते। मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

-------

वर्जन

पं. दीनदयाल उपाध्याय की मौत से जुड़े साक्ष्य के लिए भाजपा नेता राकेश गुप्त को बुलाया गया है। इनके अलावा दूसरे भाजपा नेता या कोई और भी चाहे तो हमें साक्ष्य दे सकता है। हम उसी के आधार पर जांच करके रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।

-बीआर मीणा, आइजी रेलवे इलाहाबाद रेंज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.