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राज्यपाल राम नाईक ने संगम पूजन किया, आजाद गैलरी के धीरे कार्य पर नाखुश

राज्यपाल राम नाईक ने सपत्‍नीक हनुमान जी का दर्शन-पूजन कर कुंभ के सकुशल संपन्‍नता की कामना की। उन्‍होंने अक्षयवट का भी दर्शन किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 01:19 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 08:57 PM (IST)
राज्यपाल राम नाईक ने संगम पूजन किया, आजाद गैलरी के धीरे कार्य पर नाखुश
राज्यपाल राम नाईक ने संगम पूजन किया, आजाद गैलरी के धीरे कार्य पर नाखुश

प्रयागराज : प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक सोमवार को प्रयागराज में थे। उन्होंने सपरिवार बांध स्थित लेटे हनुमान जी व अक्षयवट का दर्शन किया। हनुमान जी को जल अर्पित करके पूजा की। साथ ही कुंभ के सकुशल संपन्न होने की कामना पूर्ति को मंत्रोचार के बीच आरती उतारी। उनके साथ इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत नरेंद्र गिरि भी थे। राज्यपाल राम नाईक ने सपत्नीक संगम पर गंगा पूजन भी किया।

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 राज्यपाल सुबह लगभग प्लेन से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से कार से कुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे। संगम पर दर्शन-पूजन करने के बाद बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर पहुंचे थे। यहां करीब 15 मिनट पूजा-पाठ करने के बाद वह किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन के लिए निकले।

अक्षयवट का दर्शन के दौरान वहां कुछ समय बिताए। इसके बाद राज्यपाल इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पहुंचे। मेला पुलिस लाइन और केंद्रीय अस्पताल का भी उन्होंने  निरीक्षण किया। इस दौरान आवश्यक दिशा-निर्देश भी राज्यपाल ने दिया। वहां से सर्किट हाउस पहुंचेंगे।

  आजाद गैलरी के कार्य की धीमी प्रगति से राज्यपाल नाखुश
राज्यपाल रामनाईक ने इलाहाबाद संग्रहालय में कुंभ कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। कुंभ स्पेशल गैलरी, आधुनिक चित्रकला गैलरी, आजाद गैलरी और कुंभ स्पेशल टिकट से संबंधित कार्यों की प्रगति पर चर्चा हुई। राज्यपाल ने आजाद गैलरी के काम में देरी पर नाखुश हुए।

उन्होंने कला वीथिकाओं का अवलोकन किया। समय से कार्यों को पूरा करने का निर्देश देते हुए आजाद गैलरी का पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण देखा। चंद्रशेखर आजाद गैलरी को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर पूरा करने की हिदायत दी। कहा कि केंद्रीय सांस्कृति मंत्री से भी कार्यों पर चर्चा की जानी चाहिए। देशभर की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन होना चाहिए।

1857 से 1947 तक हो इतिहास :
राज्यपाल ने स्वतंत्रता संग्राम वीथिका में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1957 से लेकर 1947 तक का इतिहास संग्रह किए जाने बात कही। निदेशक डा. गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय कला विथिका में विभिन्न युगों एवं शासन से जुड़ीं ऐतिहासिक वस्तुएं संग्रहित होंगी। आजाद गैलरी के लिए वीर सावरकर के पत्रों, भगत सिंह की पिस्तौल आदि के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।


 


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