UP Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से उलट त्रुटि सुधार का शासनादेश
UP Shikshak Bharti अफसरों ने 68500 शिक्षक भर्ती में त्रुटि सुधार का जब मौका दिया तो कम व अधिक प्राप्तांक व पूर्णांक दोनों मान्य किया जबकि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन में अधिक अंक दर्ज करने वाले चयनितों का आवेदन निरस्त करने के आदेश हुए हैं।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की दो शिक्षक भर्तियों में पहले कटऑफ अंक विवाद हुआ और अब त्रुटि सुधार आदेश को लेकर घमासान जारी है। अफसरों ने 68,500 शिक्षक भर्ती में त्रुटि सुधार का जब मौका दिया तो कम व अधिक प्राप्तांक व पूर्णांक दोनों मान्य किया, जबकि 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन में अधिक अंक दर्ज करने वाले चयनितों का आवेदन निरस्त करने के आदेश हुए हैं। इससे सैंकड़ों चयनित परेशान हैं, क्योंकि उनके पद जिलों में रुके हैं लेकिन, अब वे शासनादेश की वजह से नियुक्ति नहीं पा रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह ने 68,500 शिक्षक भर्ती के समय 11 अक्टूबर, 2018 को अभ्यर्थियों की त्रुटि संशोधन के लिए जिला चयन समितियों को निर्देश दिया था। उस समय चार बिंदु तैयार किए गए थे, इनमें पहला आवेदनपत्र में भरा गया प्राप्तांक ज्यादा है, किंतु अंकपत्र में कम है। दूसरा भरा गया प्राप्तांक कम है किंतु अंकपत्र में अधिक है। इसी तरह के दो बिंदु पूर्णांक के संबंध में थे।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने हाई कोर्ट के राजेश कुमार गुप्ता बनाम स्टेट यूपी व तीन अन्य में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि यदि अंकों की भिन्नता में सुधार से अभ्यर्थियों के चयन पर प्रभाव नहीं पड़ रहा है और प्राप्तांक व पूर्णांक में सुधार की अनुमति से केवल मेरिट प्रभावित हो सकती है, जिसका अधिकतम प्रभाव जिला आवंटन पर पड़ सकता है। इसलिए उनसे शपथपत्र लिया जाए कि यदि उनकी मेरिट के आधार पर जिला परिवर्तित होता है तो उन्हें स्वीकार होगा। साथ ही अभ्यर्थी की जिस जिले में काउंसिलिंग हुई है उससे इतर नियुक्ति के लिए दावा नहीं करेगा। इस संबंध में उसे शपथपत्र देना होगा।
इसके उलट 69,000 शिक्षक भर्ती के त्रुटि सुधार के शासनादेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि अभ्यर्थी ने वास्तविक अंक से अधिक प्राप्तांक भरे हैं तो वास्तविक अंक से मेरिट बदल जाएगी और चयन सूची परिवर्तित होगी। इसलिए उनका चयन निरस्त कर दिया जाए। ऐसा ही आदेश वास्तविक पूर्णांक से कम भरने वालों के संबंध में भी हुआ है, ताकि चयन सूची में बदलाव न हो। चयन सूची में ऐसे अभ्यर्थी बड़ी संख्या में हैं जिन्होंने प्राप्तांक अधिक भरा है लेकिन, कई की मेरिट में बदलाव नहीं हो रहा है या फिर जिले के अंतिम चयनित कटऑफ अंक से उनके अंक काफी अधिक हैं, फिर भी उन्हें बाहर करने का आदेश हुआ है। इससे सभी परेशान हैं।