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Good News: अब प्रयागराज में भी होगी ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई, मुक्‍त विश्‍वविद्यालय का अहम फैसला

उत्‍तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि ज्‍योतिष और कर्मकांड के डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक वर्ष के लिए होंगे। इसे संचालित करने की जिम्मेदारी संस्कृत विभाग के पास होगी। शिक्षार्थियों को दो सेमेस्‍टर में 10 प्रश्‍नपत्र उत्‍तीर्ण करने होंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 08:44 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 08:44 AM (IST)
Good News: अब प्रयागराज में भी होगी ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई, मुक्‍त विश्‍वविद्यालय का अहम फैसला
उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में जनवरी सत्र से ज्‍योतिष व कर्मकांड में डिप्‍लोमा क लिए दाखिला होगा।

प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। यज्ञ की नगरी प्रयागराज को ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई के दृष्टि से समृद्ध बनाने की पहल शुरू हो चुकी है। इस लिहाज से अब ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई के लिए काशी जाने की आवश्‍यकता नहीं होगी। इस दिशा में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने कदम बढ़ाया है। यहां जनवरी-2022 सत्र से दो नए पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है। पाठ्यक्रम को बोर्ड आफ स्टडीज से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब 12 नवंबर को प्रस्तावित कार्य परिषद की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी।

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ज्‍योतिष और कर्मकांड का एक वर्षीय डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम

मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि ज्‍योतिष और कर्मकांड के नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक वर्ष के लिए होंगे। इसे संचालित करने की जिम्मेदारी संस्कृत विभाग के पास होगी। यह पाठ्यक्रम मुख्य परिसर के अलावा उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रीय केंद्रों (प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, आगरा, मेरठ, कानपुर, झांसी, नोएडा, आजमगढ़, गोरखपुर, अयोध्या) के अलावा उनसे संबद्ध सभी 1300 अध्ययन केंद्रों पर संचालित किए जाएंगे।

दो सेमेस्‍टर में 10 प्रश्‍नपत्र उत्‍तीर्ण करने होंगे

ज्‍योतिष और कर्मकांड पाठ्यक्रमों का प्रस्ताव संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विनोद कुमार गुप्ता ने कुलपति के समक्ष रखा था। कुलपति ने स्‍वीकृति देते हुए सिलेबस तैयार करने के निर्देश दिए। प्रोफेसर विनोद ने बताया कि ज्योतिष और कर्मकांड के अध्ययन-अध्यापन का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। प्रत्येक सेमेस्टर में पांच-पांच प्रश्नपत्र रखे गए हैं। यानी शिक्षार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए दो सेमेस्टर में 10 प्रश्नपत्र उत्तीर्ण करने होंगे। अंतिम प्रश्नपत्र प्रयोगात्मक रखा गया है।

कार्य परिषद की बैठक में अंतिम मुहर लगने का इंतजार

खास बात तो यह है कि पिछले दिनों कुलपति की अध्यक्षता में हुई बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में पाठ्यक्रम को हरी झंडी दे दी गई है। अब 12 नवंबर को प्रस्तावित कार्य परिषद की बैठक में अंतिम मुहर लगने के बाद जनवरी सत्र से दाखिले की कवायद शुरू कर दी जाएगी। इन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 5200 रुपये शुल्क का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें 12वीं उत्तीर्ण ऐसे छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने संस्कृत का अध्ययन एक विषय में अनिवार्य तौर पर किया हो।

खुल जाएंगे रोजगार के द्वार

विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय से ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई के बाद रोजगार के नए द्वार भी खुल जाएंगे। देश ही नहीं विदेशों में भी रोजगार के अवसर रहेंगे। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि सैन्य विभाग में धर्मगुरु की नियुक्ति होती है। इसके लिए ज्योतिर्ष और कर्मकांड का डिप्लोमा प्राप्त करने वालों को वरीयता दी जाती है।

जनवरी 2022 सत्र से ज्‍योतिष-कर्मकांड की पढ़ाई होगी : कुलपति

उप्र राजर्षि टंडन मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में जनवरी 2022 सत्र से ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई होगी। बोर्ड आफ स्टडीज ने नए पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है। अब 12 नवंबर को कार्य परिषद में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगेगी। इसके बाद दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।


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