सड़कों के किनारे होर्डिंग से बखानी जाएगी कुंभ की महिमा
कुंभ की कहानी, प्रयाग की जुबानी के माध्यम से कुंभ की महिमा बखानी जाएगी। सड़कों के किनारे होर्डिंग पर गौरव गाथा लिखी जाएगी।
प्रयागराज : कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को कुंभ की महिमा यहां की सड़कें भी सुनाएंगी। मेला क्षेत्र की सड़कों के किनारे बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स तथा बैनर पर कुंभ की गौरव गाथा लिखी जा रही है। 'कुंभ की कहानी, प्रयाग की जुबानी' थीम पर इसे प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें पौराणिक महत्व के साथ चित्र भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। यही नहीं, इसी थीम पर शहर में विभिन्न चौराहों पर स्क्रीन पर वीडियो भी चलाए जा रहे हैं।
चारों वेद, उपनिषद व पुराणों के होंगे सूक्त वाक्य
इन होर्डिंग्स पर चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद तथा स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण, गरुण पुराण समेत 18 पुराणों व उपनिषदों के प्रमुख सूक्त वाक्य और रामचरित मानस की चौपाई-दोहे लिखे जा रहे हैं, जिनमें कुंभ व प्रयाग की गौरव गाथा का वर्णन है। इन होर्डिंग्स पर अक्षयवट, त्रिवेणी, बड़े हनुमान मंदिर के महात्म्य को बखूबी लिखा गया है। अक्षयवट के बारे में 'जड़ें विष्णु, शाखाएं लक्ष्मी, पत्ते सरस्वती और पुष्प शिव स्वरूप', 'युगों-युगों के साक्षी अक्षयवट के दर्शन से जीवन धन्य हो जाता है' लिखा गया है। प्रयाग के बारे में लिखा गया है कि 'अमृत कलश से बूंद गिरी और तीर्थ हुई प्रयाग की धरती', '88 हजार ऋषियों की तपोभूमि है प्रयाग', 'दसों दिशाओं से संत यहां आते हैं धर्म के महापर्व की शोभा बढ़ाते हैं', सृष्टि की रचना के बाद ब्रह्मा जी ने यहीं पहला यज्ञ किया था' का वर्णन है। प्रयागराज के बारे में लिखा गया है 'उत्कृष्टता के कारण यह प्रयाग है और प्रधानता के कारण राज शब्द जुड़ा है' और 'गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम विश्व को अनेकता में एकता का संदेश देता है', 'अन्य तीर्थों में ज्ञान और प्रयाग में मोक्ष स्नान' आदि भी दर्शाया गया है।
खास कलाकृतियां भी होंगी
इन होर्डिंग्स पर खास कलाकृतियां भी बनाई गई हैं। ये होर्डिंग्स संगम आने और जाने वाले मार्गों पर लगाए जा रहे हैं जिससे श्रद्धालुओं को कुंभ व प्रयाग के बारे में पूरी जानकारी हो सके।
चौराहों पर सौ डिजिटल साइनेज
कुंभ मेला क्षेत्र में 50 और शहर के प्रमुख 50 चौराहों पर डिजिटल साइनेज लगाए जा रहे हैं। इन पर भी कुंभ व प्रयाग की महिमा से संबंधित वीडियो रात दिन दिखाए जा रहे हैं। इन डिजिटल साइनेज पर श्रद्धालुओं को समय-समय पर विशेष सूचनाएं भी प्रसारित की जाएंगी।
इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा
खास बात यह कि स्क्रीन पर कभी भी किसी क्षेत्र विशेष के लिए भी सूचनाएं प्रसारित की जा सकेंगी। मसलन, यदि केवल कीडगंज इलाके के लिए सूचना देनी है तो तेलियरगंज में लगी स्क्रीन पर वह नहीं प्रसारित की जाएगी। इसीलिए इसे इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जा रहा है। इस स्क्रीन से खोया-पाया का भी संचालन किया जाएगा। यह एक जनवरी से साठ दिनों तक संचालित होगा। अभी इसका विभिन्न चौराहों पर ट्रायल शुरू किया गया है।