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एक बगीचा ऐसा भी, यहां 20 राज्यों के पेड़-पौधे से लोगों का दुख हो रहा दूर Prayagraj News

बगीचे में अरुणाचल प्रदेश का नाहर-गुडलक गोवा का पीस लिली मुंबई चेन्नई और पुरी का नारियल उत्तराखंड की चेरी चीकू पोर्ट ब्लेयर की सुपाड़ी बेंगलुरु की कॉफी मौजूद है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:47 AM (IST)
एक बगीचा ऐसा भी, यहां 20 राज्यों के पेड़-पौधे से लोगों का दुख हो रहा दूर Prayagraj News
एक बगीचा ऐसा भी, यहां 20 राज्यों के पेड़-पौधे से लोगों का दुख हो रहा दूर Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। शहर में एक बगीचा ऐसा भी है, जिसकी शोभा एक दो नहीं पूरे 20 राज्यों के पेड़-पौधे बढ़ा रहे हैं। यहां मन को मोहने वाले फूल तो हैं ही, कष्ट दूर करने वाले औषधीय पौधे भी अपनी बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। जी हां, यह बगीचा है इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष श्यामकृष्ण पांडेय का।

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सवा एकड़ में बगीचा संवारना शुरू किया

1963 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे श्याम कृष्ण पांडेय ने 1967 में बागवानी शुरू की। पहले मिंटो पार्क के पास, उसके बाद साउथ मलाका में किराए के मकान में रहकर उन्होंने अपना यह शौक पूरा किया। 1984 में रसूलाबाद में अपने घर में आने के बाद उन्होंने सवा एकड़ में बगीचा संवारना शुरू किया। आज उनके बगीचे में अरुणाचल प्रदेश का नाहर-गुडलक, गोवा का पीस लिली, मुंबई, चेन्नई और पुरी का नारियल, उत्तराखंड की चेरी, चीकू, पोर्ट ब्लेयर की सुपाड़ी, बेंगलुरु की कॉफी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

दवा के लिए अर्जुन की छाल, गिलोय, मीठी नीम ले जाते हैं लोग

लोग श्याम कृष्ण पांडेय के घर से दवा के लिए अर्जुन की छाल, गिलोय, मीठी नीम लेकर जाते हैं। उन्होंने अपने बगीचे में 27 नक्षत्र के पौधे और नवग्रह के अनुसार पौधे लगा रखे हैं। श्याम कृष्ण पांडेय बताते हैं कि पत्नी बगीचा संवारने में बहुत मदद करती हैं। दोनों लोग जब बाहर घूमने जाते हैं तो वहां से पौधे जरूर लेकर आते हैं। प्रयागराज में जब-जब बाढ़ विकराल रूप दिखाती है, उनका आधा बगीचा पानी में डूब जाता है। पानी घटने पर फिर वह बगीचे को संवारते हैं।

आज तक जमा कर सकते हैं प्रविष्टि

अगर आप ने अभी तक दैनिक जागरण उद्यान प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टि नहीं भेजी है तो आज जरूर भेज दें, क्योंकि मंगलवार के बाद किसी की प्रविष्टि जमा नहीं होगी। आप अपनी प्रविष्टि दैनिक जागरण कार्यालय में आकर जमा कर सकते हैं या ई-मेल कर सकते हैं। चार वर्ग में हो रही प्रतियोगिता में आपको आवेदन पत्र पर सबसे पहले अपने वर्ग का नाम लिखना होगा। उसके बाद अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और वाट्सएप नंबर लिखना है। साथ में दो फोटो गार्डेन की प्रविष्टि के लिए भेजनी है। 25 फरवरी के बाद दैनिक जागरण का निर्णायक मंडल सभी गार्डेन को देखेगा। उसमें से खूबसूरत बगीचे को पुरस्कार दिया जाएगा।

पहला वर्ग

50 वर्गमीटर से कम क्षेत्र में बगीचा

दूसरा वर्ग

50 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में बगीचा

तीसरा वर्ग

छत पर बगीचा

चौथा वर्ग

80 वर्गमीटर तक क्षेत्र में जैविक खेती

यहां करें संपर्क

-दैनिक जागरण कार्यालय, 7 पीडी टंडन मार्ग, प्रयागराज

-अधिक जानकारी के लिए करें संपर्क : 9839900254

e-mail : divyanand.pandey@ald.jagran.com


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