कुंभ में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए पर्याप्त मिलेगा गंगा जल
हरिद्वार और नरौरा से प्रतिदिन नौ हजार क्यूसेक जल छोड़ा जा रहा है। मेला के लिए प्रतिदिन सात से आठ हजार क्यूसेक गंगा जल की डिमांड है।
प्रयागराज : इस बार कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने के लिए भरपूर गंगा जल मिलेगा। हरिद्वार और नरौरा से गंगा में डिमांड से अधिक जल छोड़ा जा रहा है।
2013 के कुंभ में पर्याप्त गंगा जल न होने के कारण साधु-संतों को धरना-प्रदर्शन तक करना पड़ा था। उस समय जलस्तर कम होने के कारण गंगा में प्रदूषण बढ़ गया था, जिसकी वजह से बायोकेमिकल अक्सीजन डिमांड (बीओडी) की मात्रा काफी अधिक हो गई थी लेकिन इस बार स्थिति बदली हुई है। मेला की तैयारी शुरू होने के पहले से ही गंगा में पर्याप्त मात्रा में जल पहुंच रहा है। इससे बीओडी की मात्रा भी नियंत्रण में है। कानपुर में हो रही गंगा जल की मॉनीट¨रग :
सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के सहायक अभियंता दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि मेला अवधि के दौरान संगम में गंगा जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे, इसके लिए मॉनीट¨रग कानपुर में की जा रही है। हरिद्वार और नरौरा से प्रतिदिन नौ हजार क्यूसेक जल छोड़ा जा रहा है। मेला के लिए प्रतिदिन सात से आठ हजार क्यूसेक गंगा जल की डिमांड है। अभी डिमांड से अधिक जल प्राप्त हो रहा है, जिसमें धीरे-धीरे कमी आएगी, ताकि संगम पर हर वक्त पर्याप्त मात्रा में गंगा जल उपलब्ध रहे। गंगा जल का स्तर सामान्य :
वर्तमान में गंगा का जलस्तर सामान्य है। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.04 मीटर तथा छतनाग में 72 मीटर के आसपास है। सहायक अभियंता के मुताबिक गंगा जल की इतनी उपलब्धता पर्याप्त है, क्योंकि अधिक जल पहुंचने पर गंगा पर बने पीपे के पुल प्रभावित हो सकते हैं।