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गंगा-यमुना का जलस्‍तर खतरे के निशान से 77 सेमी दूर, मचा हड़कंप Prayagraj News

गंगा-यमुना के जलस्‍तर में लगातार वृद्धि हो रही है। खतरे का निशान भी निकट है। बाढ़ का पानी शहर के निचले मुहल्‍लों और गांवों में पहुंच गया है। लोग घरों की छतों या घर छोड़ने पर विवश हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:49 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 05:42 PM (IST)
गंगा-यमुना का जलस्‍तर खतरे के निशान से 77 सेमी दूर, मचा हड़कंप Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना में जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में करीब एक मीटर पानी दोनों नदियों में बढ़ रहा है। रविवार की शाम चार बजे तक गंगा का जलस्‍तर फाफामऊ में 83.96 मीटर और छतनाग में  83.21 तक पहुंच गया था। वहीं यमुना नदी का पानी नैनी में 83.84 मीटर पर बह रहा है। यानी 77 सेमी खतरे के निशान से नीचे तक जलस्‍तर पहुंच चुका है। क्‍योंकि खतरे का निशान 84.73 मीटर है। निचले इलाकों में हड़कंप मचा हुआ है।

डीएम ने संभाली कमान, किया निरीक्षण व दिया निर्देश
लगातार बढ़ रहे गंगा और यमुना नदियों के जलस्‍तर से निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। वहां हड़कंप मचा हुआ है। खतरे के निशान के पास तक जलस्‍तर पहुंचने के बाद डीएम ने कमान संभाल लिया है। डीएम ने रविवार को बांधों से नदियों के जलस्‍तर का मुआयना किया। निरीक्षण और मुआयना के दौरान उन्‍होंने अधिकारियों को आवश्‍यक निर्देश भी दिए। बाढ़ से निपटने के लिए 24 घंटे उन्‍हें तत्‍पर रहने को कहा। साथ ही मोहल्‍लों के लोगों को भी उन्‍होंने आश्‍वासन दिया है।

में बाढ़ के पानी से शहर के निचले इलाके डूब गए हैं। राजापुर, गंगापुर, बेली कछार व बघाड़ा के दर्जनों परिवारों को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया गया। दोनों नदियों के बाढ़ का पानी शहर के 26 मोहल्लों व 72 गांवों में घुस गया है। इससे इन इलाकों में हालात बेकाबू हो गए हैैं। दरअसल, दोनों नदियों का जलस्तर चेतावनी बिंदु तक पहुंच गया है, जो तेजी से खतरे के निशान की ओर से बढ़ रहा है। हमीरपुर व बांदा में यमुना खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी हैैं जिसका असर प्रयागराज में रविवार को पड़ेगा।



लॉज में पानी घुसा, सदमे से महिला की मौत
बाढ़ जानलेवा साबित होने लगी है। बघाड़ा इलाके के जवाहरगंज ढरहरिया में लालमणि की पत्नी 55 वर्षीय फूला देवी को दिल का दौरा पड़ गया। उन्हें कचहरी के पास निजी अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके। कहा जा रहा है कि फूला देवी ने बाढ़ का पानी अपने लॉज में घुसता देखा तो आघात की वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। उनके लॉज में विश्वविद्यालय के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र रहते हैं। बघाड़ा के पार्षद नितिन यादव के मुताबिक, परिवार के लोग फूला का शव लेकर जौनपुर में अपने पैतृक घर चले गए। पार्षद के मुताबिक, बघाड़ा इलाके में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। दर्जनों मकान में पानी घुस गया है।

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जिला प्रशासन के साथ सेना को किया गया सतर्क

इसको लेकर जिला प्रशासन ने सेना को भी सतर्क कर दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी व जल पुलिस की टीमें भी लगा दी गई हैैं। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 1.20 मीटर ही नीचे हैैं। नदियां चार-सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही हैैं, जिससे आशंका जताई जा रही है कि रविवार रात जलस्तर लाल निशान को पार कर जाएगा। 

शनिवार रात में जलस्तर मीटर में

गंगा (फाफामऊ में)     -83.54

यमुना (नैनी में)         -83.43

गंगा-यमुना (छतनाग में)-82.79

चेतावनी बिंदु            -83.73

खतरे का निशान         -84.73

नदियों में छोड़ा गया पानी आज दोपहर से दिखाएगा असर

सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण वहां के ज्यादातर बांधों में पानी ज्यादा हो गया है। वहां केन नदी पर स्थित बरियारपुर बांध से लगभग दो लाख क्सूयेक, बेतवा नदी पर स्थित माताटीला बांध से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी तथा धसान नदी पर स्थित लाचूरा बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी शनिवार को भी छोड़ा गया है, जिसका असर यहां पर रविवार दोपहर से सोमवार सुबह तक दिखाई देगा। इसी तरह कानपुर बैराज, हरिद्वार बैराज व नरौरा बांध से लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है। इसके पहले पांच दिनों के दौरान इन बांधों व बैराजों से लगभग 20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिसके कारण प्रयागराज में दोनों नदियां उफना गई हैैं।

खास-खास

- 08 लाख क्यूसेक पानी माताटीला, लाचूरा, बरियारपुर बांध से फिर छोड़ा

- 03 लाख क्यूसेक पानी कानपुर बैराज व नरौरा बांध से छोड़ा शनिवार को

- 04 सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा गंगा और यमुना का प्रयागराज में जलस्तर

- 03 दिन और बाढ़ की स्थिति रहने की आशंका, प्रभावितों को राहत की दरकार

26 मोहल्ले और 72 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, हालात बेकाबू

शनिवार शाम को नदियों के किनारे बसे लोगों में हड़कंप मच गया। द्रौपदी घाट, राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, मेहदौरी, म्योराबाद, शंकरघाट, जोंधवल, चिल्ला, शिवकुटी, बघाड़ा, दारागंज, बक्शीमोढ़ा, बक्शी कला, करामत की चौकी, गौसनगर, ककरहा घाट, सदियापुर समेत 26 मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं करछना, मेजा, बारा, सोरांव, फूलपुर तथा हंडिया के 72 गांवों में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इन स्थानों पर हालात बेकाबू हो गए हैैं। गांवों में तो फसलें भी जलमग्न हो गई हैैं, जिसके कारण पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया है।

नियंत्रण कक्ष का नंबर

0532-2641577

0532-2641578

आपदा राहत प्रभारी

9454417588

जल स्तर की सूचना

0532-2504313

0532-2440515

दर्जनों परिवारों ने छत पर बनाया बसेरा

राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, बघाड़ा व दारागंज इलाके में ज्यादा दिक्कत है। यहां के लगभग छह सौ घरों में पानी घुस गया है। दर्जनों परिवारों ने छत पर बसेरा बना लिया। ज्यादातर लोग दूसरे मोहल्लों में रहने वाले रिश्तेदारों के घर चले गए। दर्जनों परिवारों को प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया। बघाड़ा के बाढ़ प्रभावित परिवारों को एनी बेसेंट इंटर कॉलेज तथा राजापुर व गंगानगर के प्रभावितों को ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर में शिफ्ट किया जा रहा है। राहत शिविरों में खाने, सोने के साथ ही बिजली, पानी व टॉयलेट की भी व्यवस्था कराई गई है।

गौर फरमाएं

- 26 मोहल्लों व 72 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, रतजगा

- बघाड़ा और राजापुर के दर्जनों परिवार को पहुंचाया गया बाढ़ राहत शिविरों में

- तटीय क्षेत्रों में हड़कंप

- गंगा और यमुना में उफान, निचले इलाके डूबे, सेना को भी किया सतर्क

- चेतावनी बिंदु तक पहुंचा जलस्तर, अब लाल निशान की ओर बढ़ीं नदियां

- हमीरपुर व बांदा में यमुना खतरे के निशान के ऊपर, यहां भी पड़ेगा असर

- एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी व जल पुलिस की टीमें भी लगाई गईं

गलियों में पानी, निकलना मुश्किल

बघाड़ा के दीपेश, रंजन सिंह, राजेश दीक्षित, कमलेश बाबू यादव, मृगेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि उन लोगों ने छतों पर डेरा जमा लिया है। प्रशासन राहत सामग्री की जल्द व्यवस्था नहीं करेगा तो बाढ़ प्रभावित इलाके में दिक्कत बढ़ जाएगी। बघाड़ा के ही बद्री यादव, सुषमा पटेल, बबिता गुप्ता, शीला ने बताया कि गलियों में पानी भर जाने के कारण लोगों का आवागमन भी बंद हो गया है। विजय यादव, मनोज पांडेय ने बताया कि लोग सुबह से ही अपने सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाते रहे। गलियों तथा घरों में पानी भर जाने से लोग मकान में भी फंस गए। विवशता में उन्हें अपने घरों की छतों पर बसेरा बनाना पड़ा। प्लास्टिक लगाकर लोग छत पर ही सामान रखे हैैं।

निचले इलाकों में विद्युत आपूर्ति ठप

गंगा और यमुना के निचले इलाकों में विद्युत आपूर्ति भी ठप करा दी गई है। बघाड़ा में एक ट्रांसफार्मर तक बाढ़ का पानी पहुंचने के कारण उससे आपूर्ति रोक दी गई। एसडीओ विजय तिवारी ने बताया कि एहतियातन आपूर्ति ठप की गई है। बघाड़ा, चिल्ला, राजापुर, बेली कछार, द्रौपदी घाट, जोंधवल व दारागंज के भी निचले इलाकों में विद्युत आपूर्ति रोक दी गई है।

दारागंज की सड़कों पर चल रही नाव

दारागंज और बघाड़ा की सड़कों पर जहां पहले वाहन चलते थे, वहां इतना पानी हो गया कि नाव चल रही है। दारागंज के दशाश्वमेध घाट स्थित सब्जी मंडी मार्ग और संकट मोचन मंदिर मार्ग पर नावें चल रही हैैं। एसडीएम सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि दारागंज में दो सरकारी नाव भी संचालित कराई जा रही हैै।

परेड में रोके गए वाहन, बांध पर भीड़

गंगा-यमुना में बाढ़ के कारण संगम क्षेत्र जलमग्न हो गया है। पूरा संगम समुद्र जैसा दिखाई देने लगा है। बाढ़ के पानी के कारण पुलिस ने श्रद्धालुओं के वाहनों को परेड में ही रोक दिया है। बांध पर जगह कम होने के कारण सुबह से ही लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी है।

बाढ़ का नजारा देखने पुलों पर पहुंचे

गंगा और यमुना में आई बाढ़ का नजारा देखने हजारों लोग नए यमुना पुल, शास्त्री ब्रिज व फाफामऊ स्थित कर्जन ब्रिज पर पहुंच रहे हैं। इन पुलों पर भारी भीड़ हो रही है। लोग सेल्फी भी ले रहे। नए यमुना पुल पर तो भीड़ के कारण जाम की भी नौबत उत्पन्न हो जा रही है। इसके अलावा दारागंज और अल्लापुर आदि इलाके के लोग बक्शी बांध तथा एसटीपी के बांध पर भी भीड़ जुट रही है। नए यमुना पुल तथा बक्शी बांध पर तमाम ठेले-खोमचे वाले भी पहुंच गए हैं।

नदियों-नालों से बैकफ्लो, मोहल्लों में पहुंचा पानी

गंगा और यमुना की सहायक नदियों व इसमें मिलने वाले नालों में अब पानी बैकफ्लो होने लगा है। इसके कारण सहायक नदियों व नालों से पानी मोहल्लों में पहुंचने लगा है। यमुना की सहायक नदी ससुर खदेरी में भी बैकफ्लो हो रहा है जिससे करेली के गौसनगर व करामत की चौकी मोहल्लों के कई घरों में पानी घुस गया। इसी तरह सदियापुर, ककरहा घाट, चाचर नाला व घाघर नाला से भी पानी बैकफ्लो कर कई घरों तक पहुंच गया।

एसटीपी बंद, पंपिंग स्टेशन जलमग्न

बाढ़ के कारण बक्शी बांध स्थित शहर का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को बंद करना पड़ा। यही नहीं दारागंज में संकट मोचन मंदिर मार्ग स्थित मोरी का सीवेज पंपिंग स्टेशन जलमग्न हो गया। मोरी गेट पंपिंग स्टेशन से किसी तरह पानी पंप हो पा रहा है। निचले इलाके में स्थित नाले भी चोक हो गए, जिसके कारण नालों का पानी मोहल्लों में ही रुक गया है।

बोले एडीएम वित्त एवं राजस्व

एडीएम वित्त व राजस्व एवं आपदा राहत प्रभारी एमपी सिंह का कहना है कि सभी एसडीएम व तहसीलदारों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व्यवस्था के निर्देश दिए हैैं। शहर में तीन बाढ़ राहत शिविर बना दिए गए हैैं। शिविरों में खाने-पीने और रहने की व्यवस्था करा दी गई है।


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