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गंगा और यमुना में उफान से बाढ़ के पानी से घिरे डेढ़ सौ गांव Prayagraj News

गंगा छह सेमी तो यमुना सात सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैैं। इससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 07:40 PM (IST)
गंगा और यमुना में उफान से बाढ़ के पानी से घिरे डेढ़ सौ गांव Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन : गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी के साथ गुरुवार को भी बढ़ा। गंगा पिछले 24 घंटे में लगभग दो मीटर तो यमुना सवा मीटर के करीब बढ़ीं। पतितपावनी ने गुरुवार को संगम के पास स्थित बड़े हनुमानजी को विशेष मुहूर्त में इस साल दोबारा महास्नान कराया। इसे शुभ संकेत माना जा रहा है। पिछले माह 18 अगस्त को भी सदानीरा ने लेटे हनुमानजी को स्नान कराया गया था।

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उधर, गंगा और यमुना में उफान के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। दोनों नदियों का पानी खतरे के निशान से मात्र तीन मीटर ही नीचे हैैं। जबकि गंगा छह सेमी तो यमुना सात सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैैं। इससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। जिला प्रशासन ने मुनादी कराकर निचले इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया है। बाढ़ के खतरे के मद्देनजर सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के बाढ़ राहत दल को लगा दिया गया है। इसके साथ ही बाढ़ राहत चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। सभी एसडीएम, तहसीलदार समेत विभिन्न विभागों के अफसरों को भी सतर्कता बरतने को कहा गया है। निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए बोल दिया गया है। जिले के लगभग डेढ़ सौ गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। सोरांव, फाफामऊ, झूंसी, फूलपुर, हंडिया, करछना व मेजा में गंगा किनारे बसे गांवों में अफसरों को सतर्क कर दिया गया है। इसी तरह बारा व करछना तहसील क्षेत्र में यमुना किनारे बसे गांवों व शहरी क्षेत्रों में भी सतर्कता बरतने को कहा गया है। शहर में गंगा किनारे बसे द्रौपदी घाट, राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, बेली गांव, मेंहदौरी, शंकरघाट, शिवकुटी, चिल्ला, सलोरी, बघाड़ा इलाके के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

बांधों-बैराजों से छोड़ा गया 16 लाख क्यूसेक पानी:

मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के कारण प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मप्र के केन नदी पर बने बरियारपुर बांध से तीन दिनों में छोड़े गए पांच लाख क्यूसेक और बेतवा नदी पर बने माताटीला बांध से चार दिनों मेंछोड़े गए सात लाख क्यूसेक पानी का असर दिख रहा है। इसी तरह नरौरा बांध तथा कानपुर बैराज से तीन दिनों में लगभग साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

खास बातें :

18 अगस्त की देर शाम गंगा ने लेटे हनुमान को कराया था स्नान

5.35 बजे फिर लेटे हनुमान मंदिर के गर्भगृह में पहुंचा गंगा का जल

03 मीटर नीचे है गंगा और यमुना का पानी खतरे के निशान से

99 बाढ़ राहत चौकियों पर प्रभावितों को रखने की हो रही व्यवस्था


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