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गंगा-यमुना की बाढ़ का दहशत, तीन तरफ से घिर गया है शहर Prayagraj News

गंगा और यमुना नदियाें के बाढ़ का पानी लोगों के लिए शामत लेकर आया है। एक के बाद एक नदियों के किनारे बसे गांव और मोहल्‍ले बाढ़ की चपेट में आते जा रहे हैं। इससे लोगों में दहशत है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 09:41 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 09:41 AM (IST)
गंगा-यमुना की बाढ़ का दहशत, तीन तरफ से घिर गया है शहर Prayagraj News
गंगा-यमुना की बाढ़ का दहशत, तीन तरफ से घिर गया है शहर Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना का कहर तटीय इलाकों में और बढ़ गया है। मंगलवार को तो शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी तबाही का मंजर दिख रहा था। लोगों के घरों में रखा सामान पानी से नष्ट हो गया। किसी तरह अपनी जान बचाकर लोगों ने राहत शिविरों, रिश्तेदारों व परिचितों के घर पहुंचकर शरण ले रखी है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर जाने से कई और मोहल्ले भी बाढ़ की चपेट में आ गए।

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हजारों घरों में पानी घुसा, सैकड़ों मकान तो पूरी तरह डूबे

गंगा के बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत राजापुर, द्रौपदी घाट, गंगानगर, मऊ सरैया, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, शंकरघाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, जोंधवल, चिल्ला, बघाड़ा, सादियाबाद, दारागंज इलाके में है। यहां की ज्यादातर गलियों में पानी भर गया है। हजारों घरों में पानी घुस गया है। सैकड़ों घर तो पूरी तरह डूब गए। दारागंज में नागवासुकि मंदिर से बड़े हनुमान मंदिर तक बांध के नीचे सड़क के किनारे लगभग एक हजार घर डूब गए। यहां लगभग सात हजार लोग बेघर हो गए हैैं। तकरीबन 40 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। काफी लोग तो छतों पर डेरा जमाए हुए हैं। यहां के राजन निषाद, पप्पू, दिनेश आदि ने बताया कि सड़कों पर नाव चलने लगी हैैं। घर से वे नाव से ही निकल पाते हैैं। रोजमर्रा की जरूरतें भी नहीं पूरी हो पा रही हैैं।

दारागंज में किसी तरह लोग घर से निकल पा रहे

दारागंज इलाके में जिला प्रशासन की ओर से नौ नावें लगाई गईं हैैं जिससे लोग किसी तरह घर से निकल पाते हैैं। गंगानगर, नेवादा और राजापुर में भी बाढ़ की विभीषिका लोगों पर कहर बनकर टूटी है। रज्जू, बलिकरन त्रिपाठी, कंचन यादव, नंदू सिंह, जीतू, बलभद्र शर्मा ने बताया कि उनके घर पूरी तरह से पानी में डूब गए हैैं। टीवी, फ्रिज, फर्नीचर, खाद्यान्न, किचेन के सामान, बिस्तर आदि पानी से खराब हो गए। किसी तरह वे ऊपरी इलाकों में परिचितों के घर में रह रहे हैैं। कमोवेश यही हाल, बेली कछार, मऊ सरैया में भी है।

खास-खास

- 01 सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा गंगा और यमुना का प्रयागराज में जलस्तर

- 06 दिन और बाढ़ की स्थिति रहने की आशंका, प्रभावितों को राहत की दरकार

नियंत्रण कक्ष का नंबर

0532-2641577

0532-2641578

आपदा राहत प्रभारी

9454417588

जलस्तर की सूचना

0532-2504313

0532-2440515

बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया जा रहा

बघाड़ा के बाढ़ प्रभावित परिवारों को एनी बेसेंट इंटर कॉलेज तथा राजापुर व गंगानगर के प्रभावितों को ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, स्वामी विवेकानंद स्कूल, अशोक नगर व कैंट हाईस्कूल में रखा गया है। बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी के प्रभावितों को महबूब अली इंटर कालेज, बेली, सेंट जोसेफ कॉलेज मम्फोर्डगंज में रखा गया है। इसी तरह करेली के प्रभावितों को चेतना गल्र्स इंटर कॉलेज में बने राहत शिविर में शिफ्ट किया जा रहा है। राहत शिविरों में खाने, सोने के साथ ही बिजली, पानी व टॉयलेट की भी व्यवस्था कराई गई है।

यमुना में बाढ़ के कारण ससुर खदेरी नदी भी उफान पर, किनारे बसे मोहल्लों में पानी

यमुना में बाढ़ के कारण ससुर खदेरी नदी भी उफान पर है। यमुना का पानी इस नदी के जरिए शहर के किनारे बसे मोहल्लों में घुस रहा है। जेके आशियाना के सैकड़़ों लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां के सरताज खान ने बताया कि लोगों का काफी सामान भी बाढ़ के पानी से खराब हो गया। गड्ढा कालोनी के जाकिर हुसैन, जुनैद खान ने बताया कि बाढ़ का पानी घरों में घुसने व गलियों में भर जाने के कारण आवागमन में परेशानी हो रही है। किसी तरह लोग घर से निकल पा रहे हैैं। गौसनगर, करैलाबाग, सदियापुर, गऊघाट, बलुआघाट, बक्शीमोढ़ा, बक्शी कला, करामत की चौकी व ककरहा घाट इलाके में भी लोगों के घरों में पानी घुस गया है।

सड़कें-गलियां डूबीं, नाव ही सहारा

बघाड़ा, नेवादा कछार, गंगानगर, दारागंज के अधिकांश इलाकों की सड़कें डूब गई हैैं। गलियों में नावें चल रही हैैं। बघाड़ा के मनोज सिंह, मुन्ना त्रिपाठी, दुर्गा प्रसाद यादव, अशोक यादव, संजय वर्मा ने बताया कि वे छतों पर बसेरा बनाए हैैं। ग्राउंड फ्लोर तो पूरी तरह से डूब गया है। किसी तरह नाव से ही वे घर से निकल पाते हैैं। बेली के दीपेंद्र रावत, जानकी देवी ने बताया कि प्रशासन राहत सामग्री की जल्द व्यवस्था नहीं करेगा तो बाढ़ प्रभावित इलाके में दिक्कत बढ़ जाएगी। छोटा बघाड़ा के विक्रम यादव, नितिन मौर्या, राजवीर सिंह ने  बताया कि मंगलवार को उनके घरों में भी पानी घुस गया। वे दिन भर अपने सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटे रहे।

आपदा एवं राहत प्रभारी ने कहा-राहत कार्य में लाई गई तेजी

एडीएम वित्त व राजस्व और आपदा एवं राहत प्रभारी एमपी सिंह कहते हैं कि राहत कार्य में तेजी लाई गई है। प्रभावित इलाकों के ज्यादातर लोगों को राहत शिवरों में पहुंचा दिया गया है। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों व परिचितों के घर चले गए हैैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिन अफसरों व कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैैं। 


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