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Diwali 2021: गोबर से बने गणेश लक्ष्मी लाएंगे समृद्धि, प्रयागराज के गोशाला में हो रहे तैयार

Diwali 2021 लाल मणि तिवारी ने बताया कि संगठन गो संरक्षण में लगा है। पर्यावरण को भी बेहतर बनाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। श्री प्रेम गोशाला अनुसंधान ट्रस्ट नरी बहरिया में दिनेश मिश्र की देखरेख में मूर्तियों व गोबर की दियाली बनाने का कार्य चल रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 01:30 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 01:30 PM (IST)
Diwali 2021: गोबर से बने गणेश लक्ष्मी लाएंगे समृद्धि, प्रयागराज के गोशाला में हो रहे तैयार
दीवाली पर पारंपरिक रूप से जो मूर्तियां बाजार में उपलब्ध होती हैं, उनसे मूल्य कम रखने की कोशिश

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहरियों को इस बार दीपावली पर मिट्टी व प्लास्टर आफ पेरिस के गणेश लक्ष्मी की जगह गोवंश के गोबर से बने गणेश लक्ष्मी भी पूजन के लिए बाजार में उपलब्ध होंगे। इन मूर्तियों को तैयार करने के लिए विहिप की गो रक्षा इकाई ने पहल की है। करीब दस हजार मूर्तियां तैयार कराने का लक्ष्य रखा गया है। कोशिश होगी कि पारंपरिक रूप से जो मूर्तियां बाजार में उपलब्ध होती हैं, उनसे मूल्य कम रहे। इनके प्रयोग से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा।

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गोशाला में बनाई जा रही मूर्तियां और दियाली

विश्व हिंदू परिषद गोरक्षा काशी प्रांत के मंत्री लाल मणि तिवारी ने बताया कि संगठन गो संरक्षण में लगा है। पर्यावरण को भी बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं। इसी कड़ी में श्री प्रेम गोशाला अनुसंधान ट्रस्ट नरी, विकास खंड बहरिया में दिनेश मिश्र की देखरेख में मूर्तियों व गोबर की दियाली बनाने का कार्य चल रहा है। मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। हिंदू समाज पूजन के पूर्व गाय के गोबर से ही लेपन करता है और गौरी-गणेश बनाकर पूजन करताह है। यही वजह है दीपावली पर पूजन के लिए गणेश, लक्ष्मी के साथ दियाली भी गोबर से बनवाई जा रही है। इसका लाभ स्थानीय महिलाओं को मिलेगा। गोशाला की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में 22 महिलाओं का समूह मूर्तियों व दियाली को बनाने में जुटा है।

मूर्तियों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य

गोरक्षा इकाई के पदाधिकारियों की बैठक शिशु संगम विद्यालय कीडगंज में हुई। इसमें गोवंश के संरक्षण के लिए समाज के अन्य लोगों को जोड़ने की योजना बनाई गई। तय हुआ कि गोशालाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए भी प्रयास करने होंगे। बेसहारा गोवंश की मदद के लिए जनमानस के अन्य लोगों को भी आगे आना होगा। इसी क्रम में गोबर से बनने वाली मूर्तियों काे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का भी निर्णय लिया गया। कहा गया कि जिन गोशालाओं के आसपास गोबर से दियाली व मूर्तियों को बनाने वाले लोग मिल जाएंगे वहां कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इस मौके पर भोलानाथ मिश्र, वीरेंद्र जायसवाल, अवधेश राय, सौरभ सिंह, चंद्रशेखर मिश्र, अंकित तिवारी, सुनील सोनकर, चंद्रशेखर साहू, केके पांडेय आदि मौजूद रहे।


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