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Gandhi Jayanti 2020 : प्रयागराज में बापू की प्रेरणा से 64 वर्षों से अनवरत चल रहा चरखा, नेहरू ने किया था उद्घाटन

Gandhi Jayanti 2020 प्रयागराज के सहसों स्थित सघन क्षेत्र विकास समिति का प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1956 में उद्घाटन किया था। महात्‍मा गांधी की प्रेरणा से यहां आज भी चरखा चलता है। इस व्‍यवसाय से जुड़े 54 परिवारों का भरण-पोषण हो रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 07:56 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 07:56 AM (IST)
प्रयागराज के सहसों स्थित सघन क्षेत्र विकास समिति में आज भी चरखे से सूत काटा जाता है।

प्रयागराज, जेएनएन। ...यह है सघन क्षेत्र विकास समिति। प्रयागराज के फूलपुर विकास खंड के सहसों चौराहे पर यह स्थित है। यहां 64 वर्षों से अनवरत चरखा चल रहा है। इससे विभिन्न गांव में कई परिवार आज भी चरखे से सूत काटकर अपनी जीविका चला रहे हैं। आज दो अक्टूबर को गांधीजी की जन्मतिथि है। इस संस्थान का प्रयास बरबस ही सबकी नजरें खींच लेती हैैं। गांधी जी की प्रेरणा से इस सघन क्षेत्र विकास समिति की नींव सन 1954 में रखी गई थी। इसके प्रथम अध्यक्ष स्वतंत्र संग्राम सेनानी स्व.राम पदारथ शुक्ल रहे। साथ ही संचालक प्रेमधर द्विवेदी हैैं।

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सघन क्षेत्र विकास समिति का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1956 मेें किया था। लगभग 0.17 49 हेक्टेयर भूमि में स्थापित सघन क्षेत्र में विभिन्न गांव बस महुआ, इनेतापुर, बभन कुइयां, हिनौता, कटहरा में कुल 43 लोग चरखे पर सूत की कताई करते हैैं। इसमें 12 बुनकर कार्यरत हैं। समिति के वर्तमान अध्यक्ष चंद्रप्रकाश तथा मंत्री धरनीधर द्विवेदी ने बताया कि सघन क्षेत्र विकास समिति की स्थापना 1954 में अखिल भारतीय खादी ग्राम उद्योग मंडल के तहत की गई थी। रंग श्रम गढ़ी नामक दुकान से घर पर सूत कातने के लिए रुई लेकर जाया करते थे। सूत बनाकर श्रम गढ़ी पर दे जाते थे। इसके एवज में उन्हें कपड़े या पैसे मिल जाते थे। ऐसे ही क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिल जाता था। इसका संचालन हम अपनी देखरेख में करते थे।

सघन क्षेत्र विकास समिति के व्‍यवस्‍थापक राजेंद्र ने यह कहा

वर्तमान समय में व्यवस्थापक राजेंद्र प्रकाश ने बताया कि सहसों क्षेत्र से ही 12 बुनकर चांदपुर, महराजगंज जनपद आजमगढ़ में  खादी के सूत की बुनाई कर अपना भरण-पोषण कर रहे हैं। आज भी सहसों में रखे गए पुराने सौ किसान, डेढ़ सौ पुराने अंबर चरखा मौजूद हैं। परंतु समय की मांग को देखते हुए अत्याधुनिक चरखा एनएमसी-8 पर सूत कातेे जा रहे हैं।

बोले, संस्थापक समिति के सदस्य प्रेमधर

संस्थापक समिति के सदस्य प्रेमधर दुबे कहते हैं कि सघन क्षेत्र की स्थापना के समय इस समिति में कुल 11 संस्थापक सदस्य रहे। इसके उद्घाटन के पश्चात बुनकरों को मजदूरी के एवज में खादी के कपड़े दिए जाते थे। कभी आवश्यकता पडऩे पर पैसे भी दिए जाते थे।


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