यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षकों के वेतन भुगतान में भी हेराफेरी, 192 के पैन नंबर व 24 के खाता नंबर समान
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियों में ही हेराफेरी नहीं हुई है बल्कि शिक्षकों के वेतन भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियों में ही हेराफेरी नहीं हुई है, बल्कि शिक्षकों के वेतन भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है। अभिलेखों की जांच में 192 प्रकरण ऐसे मिले हैं जिसमें एक नाम और पैन नंबर की दो अलग-अलग इंट्री कई जिलों की फाइलों में दर्ज है, केवल उनका खाता नंबर अलग है। इसी तरह से 24 प्रकरण ऐसे हैं जिसमें एक ही बैंक खाता नंबर अलग शिक्षकों के सम्मुख अंकित है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने इस पर नाराजगी जताते हुए वित्त नियंत्रक शिक्षा निदेशालय और बेसिक शिक्षा परिषद से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
बेसिक शिक्षा महकमे में इन दिनों शिक्षकों के वेतन संबंधी अभिलेखों का भी परीक्षण हो रहा है। वित्त नियंत्रक बेसिक प्रयागराज ने मई माह के वेतन भुगतान की रिपोर्ट 21 जून को सौंपी है। इसमें सामने आया है कि 192 प्रकरण ऐसे हैं जिसमें एक ही नाम व पैन नंबर की दो अलग-अलग इंट्री विभिन्न जिलों की फाइलों में है, लेकिन उसका खाता नंबर अलग है। इसी तरह से कुल 24 प्रकरण ऐसे हैं जिसमें एक ही बैंक खाता नंबर दो अलग शिक्षकों के नाम के समक्ष दर्ज है।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने इसे बेहद संदिग्ध व आपत्तिजनक करार देते हुए लिखा है कि ये प्रकरण पर्यवेक्षण की विफलता को दर्शाते हैं। उन्होंने आदेश दिया है कि सभी जिलों के शिक्षकों के वेतन संबंधी अभिलेखों का परीक्षण कराकर इस तरह से प्रकरणों को चिन्हित करके और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए तीन दिन में रिपोर्ट मुहैया कराएं। यह भी अल्टीमेटम दिया गया है कि अन्यथा सभी संबंधित की जिम्मेदारी का निर्धारण करके गंभीर कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
फर्जी शिक्षकों की चल रही जांच : परिषदीय स्कूलों में अभिलेखों की हेराफेरी करके नियुक्ति पाने वालों की जांच चल रही है। शासन के निर्देश पर जिलों में समितियां गठित की गई हैं। साथ ही फर्जी शिक्षकों के संबंध में एसआइटी व एसटीएफ भी जांच कर रही है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की सेवाओं संबंधी विवरण व अभिलेखों का डिजिटलीकरण भी करा रहा है।