Move to Jagran APP

Cyber Crime: प्रयागराज में पूर्व प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर भी हुए आनलाइन ठगी का शिकार

दूसरों को शिक्षित करने वाले पूर्व प्रोफेसर और मौजूदा असिस्टेंट प्रोफेसर भी खुद को ठगी का शिकार होने से नहीं बचा सके। सागर रत्ना रेस्टोरेंट से खाने का आर्डर बुक करने के नाम पर साइबर शातिरों ने असिस्टेंट प्रोफेसर राजमणि मौर्या को ठग लिया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 06:50 AM (IST)
Cyber Crime: प्रयागराज में पूर्व प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर भी हुए आनलाइन ठगी का शिकार
पूर्व प्रोफेसर और मौजूदा असिस्टेंट प्रोफेसर भी खुद को ठगी का शिकार होने से नहीं बचा सके

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कहा जाता है कि जागरूकता के जरिए आनलाइन ठगी और फ्राड की घटनाओं से बचा जा सकता है लेकिन देखने में आ रहा है कि उच्च शिक्षित तबका भी साइबर क्राइम का आसानी से शिकार बन रहा है। दूसरों को शिक्षित करने वाले पूर्व प्रोफेसर और मौजूदा असिस्टेंट प्रोफेसर भी खुद को ठगी का शिकार होने से नहीं बचा सके। सागर रत्ना रेस्टोरेंट से खाने का आर्डर बुक करने के नाम पर साइबर शातिरों ने असिस्टेंट प्रोफेसर राजमणि मौर्या को ठग लिया। शातिरों ने उनके बैंक खाते से कई बार में हजारों रुपये रुपये उड़ा दिए। अब उनकी शिकायत पर जार्जटाउन पुलिस ने मुकदमा लिखकर जांच शुरू की है।

loksabha election banner

आफर के चक्कर में ठगे गए मास्साब

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर दरभंगा कालोनी जार्जटाउन में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि करीब 15 दिन पहले एक अंजान नंबर से उनके मोबाइल पर काल आई। कालर ने बताया कि सागर रत्ना में आफर चल रहा है। तब उन्होंने आर्डर कर दिया और बुकिंग के बाद 10 रुपये का ट्रांजेक्शन अपने डेबिट कार्ड से किया। इसके बाद उनके खाते से 10 हजार कट गए। कुछ घंटे बाद तीन बार और ट्रांजेक्शन हुआ। राजमणि ने जब उस नंबर पर काल किया तो उसने गलती से पैसा कटने की बात कही, लेकिन फिर नंबर बंद हो गया। उन्होंने जार्जटाउन थाने में मोबाइल नंबर के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया है। इसी तरह बख्शी खुर्द दारागंज निवासी बद्री प्रसाद सिंह के खाते से भी शातिरों धोखाधड़ी कर 20 हजार रुपये गायब कर दिए। भुक्तभोगी ने कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

चेक क्लोनिंग से पूर्व प्रोफेसर को लाखों रुपये की चपत

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रिटायर प्रोफेसर रामचंद्र तिवारी के खाते से तीन बार में साढ़े छह लाख रुपये उड़ा दिए गए। शातिर युवकों ने उनके चेक की क्लोनिंग कर बैंक खाते से रुपये निकाले। घटना की जानकारी होने पर पीडि़त ने कर्नलगंज थाने में सुमित जुनेजा व सतीश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कर्नलगंज के राजीव नगर शुतुरखाना मोहल्ले में रामचंद्र अपनी पत्नी सुरजा देवी के साथ रहते हैं। उनका संयुक्त खाता विजया बैंक बेली रोड शाखा में है। उन्होंने बैंक से चेक बुक लिया था। इसी बीच विजया बैंक का विलय बैंक आफ बड़ौदा में हो गया। रिटायर प्रोफेसर का आरोप है कि चेक का क्लोन तैयारकर 14 जनवरी 2020 को सुमित जुनेजा नामक व्यक्ति ने दो लाख 80 हजार रुपये एकाउंट से निकाला। फिर सतीश सिंह ने दो लाख 60 हजार रुपये निकाले। इसके बाद सुमित ने दोबारा एक लाख 10 हजार रुपये खाते से गायब किए। जबकि चेक उनके पास सुरक्षित रखा हुआ था। इस तरह विजया बैंक के चेक की क्लोनिंग कर छह लाख 50 हजार रुपये उड़ाए गए। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि वह और उनकी पत्नी बुजुर्ग हैं। कोरोना के चलते वह बैंक नहीं जा पा रहे थे। मगर एक सप्ताह पहले बैंक जाकर पासबुक अपडेट कराया तब धोखाधड़ी का पता चला। बैंक में शिकायत करने पर कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने कर्नलगंज थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा कायम करते हुए जांच शुरू की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.