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पूर्व सांसद उमाकांत यादव को हाई कोर्ट से राहत, 20 दिन में जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट

हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव को 20 दिन के भीतर विशेष कोर्ट मे जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है। तब तक गैर जमानती वारंट व कुर्की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 08:42 PM (IST)
पूर्व सांसद उमाकांत यादव को हाई कोर्ट से राहत, 20 दिन में जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट
पूर्व सांसद उमाकांत यादव को हाई कोर्ट से राहत, 20 दिन में जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व सांसद उमाकांत यादव को फिर राहत दी है। हाई कोर्ट ने उन्हें 20 दिन के भीतर विशेष अदालत मे हाजिर होकर जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है। तब तक उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट और कुर्की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि आदेश की अवहेलना पर एमपी-एमएलए की विशेष अदालत कुर्की व गैरजमानती वारंट जारी कर कार्रवाई करे। यह आदेश न्यायमूर्ति हर्षकुमार ने उमाकांत यादव व अन्य की याचिका पर दिया है।

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याचीगण के खिलाफ जौनपुर के शाहगंज थाना में धोखाधड़ी के आरोप में एफआइआर दर्ज करायी गई है। याची का कहना है कि वह कोर्ट में हाजिर होता रहा है। इधर उसके मुकदमे का स्थानांतरण प्रयागराज की विशेष अदालत में हो गया है, लेकिन उसकी जानकारी उसे नहीं थी। इसके चलते वह हाजिर नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने कुर्की, जब्ती की कार्रवाई करते हुए गैरजमानती वारंट जारी किया है।

हाई कोर्ट ने याची को हाजिर होकर जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट देते हुए अर्जी यथा शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया है। वर्तमान में उमाकांत यादव शाहगंज थाने के जीआरपी सिपाही हत्याकांड के मामले में नैनी जेल में बंद हैं। गत दिनों इस मुकदमे में सरेंडर करने के बाद स्पेशलकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए जेल भेज दिया था।

सिपाही की हत्या के मामले में जेल में हैं पूर्व सांसद

एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ. बाल मुकुंद ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव को गुरुवार शाम केंद्रीय कारागार नैनी भेज भेजने का आदेश दिया था। जौनपुर निवासी उमाकांत यादव और उनके सहयोगी सभाजीत पाल, राजकुमार उर्फ रामकुमार, धर्मराज, महेंद्र प्रसाद वर्मा, सूबेदार व बच्चू लाल पर हत्या का मुकदमा चल रहा है। 13 मार्च, 2020 को सभी आरोपित एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए।

सुनवाई पर उमाकांत की ओर से वारंट रिकॉल अर्जी देते हुए कहा गया कि वह 29 फरवरी को कोर्ट आए थे। हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में इन्फेक्शन के कारण डॉक्टर को दिखाने चले गए थे। उनके अधिवक्ता ने हाजिरीमाफी की अर्जी दी थी, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया था। अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने वारंट रिकॉल अर्जी का विरोध किया। हालांकि कोर्ट ने सभी आरोपितों का बयान दर्ज करते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 मार्च तय की।


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