एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश पर पूर्व विधायक विजमा यादव जेल से रिहा
एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश पर पूर्व विधायक विजमा यादव को जेल से रिहा कर दिया गया। वहीं अन्य आरोपितों के जमानतदारों का सत्यापन नहीं हो सका।
प्रयागराज : जमानत की शर्तों को पूरा नहीं कर पाने की वजह से बीते दिनों एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश पर जेल भेजी गईं पूर्व विधायक विजमा यादव को बुधवार को रिहा कर दिया गया।
बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान विजमा यादव के जमानतदारों की हैसियत व पता सुकूनियत का सत्यापन मिल गया।
कोर्ट ने जमानत की शर्त पूरी हो जाने पर उनकी रिहाई का आदेश नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया। इसके बाद पूर्व विधायक विजमा यादव की रिहाई हो गई। मामले के अन्य आरोपित अमर सिंह, मूलचंद, ज्ञानचंद, लालचंद और लोहा सिंह के जमानतदारों का सत्यापन नहीं हो सका, ऐसे में उनकी रिहाई नहीं हो सकी। झूंसी थाने में दर्ज डकैती, लूट, मारपीट के मामले में पूर्व विधायक को जमानत मिली थी परंतु जमानतदारों का सत्यापन न होने की वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा था।
क्या था मामला
थाना झूंसी के छतनाग में मोहन लाल यादव की हत्या के बाद 29 जून 2005 वादिनी शशि देवी के घर में घुसकर पूर्व विधायक विजमा यादव सहित 11 नामजद व अज्ञात लोगों द्वारा लूटपाट, आगजनी व मारने-पीटने के बाबत 156 (3) में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था। जो परिवाद में तब्दील कर बयान 200 व 202 के बाद कोर्ट ने सभी 11 लोगों को विभिन्न धारा में तलब किया था। इसमें विजमा यादव के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट चल रहा था। हाजिर होने पर न्यायालय विशेष जज पवन कुमार तिवारी (एमपीएमएलए कोर्ट) ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था।
मंगलवार को समर्पण करने पर उनकी जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई थी। सरकार की ओर से विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि व अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने सुनवाई की। इसके बाद विजमा यादव को एक-एक लाख की दो जमानत व निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश हुआ। उच्च न्यायालय का निर्देश है कि 20 हजार से ऊपर की जमानत पर जमानतदारों का सत्यापन कराना जरूरी है। जमानतदारों का वेरीफिकेशन न हो पाने की वजह से विजमा यादव, मूलचंद, सानचंद, अमर सिंह, लोहा सिंह, राजू, लालचंद को जेल भेजने का आदेश दिया गया था।