Move to Jagran APP

तीन घंटे न्यायिक हिरासत में रहे पूर्व मंत्री आजम खां, मिली जमानत

प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खां ने एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। तीन घंटे न्‍यायिक हिरासत के बाद उन्‍हें जमानत मिली।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 09:17 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 09:17 PM (IST)
तीन घंटे न्यायिक हिरासत में रहे पूर्व मंत्री आजम खां, मिली जमानत
तीन घंटे न्यायिक हिरासत में रहे पूर्व मंत्री आजम खां, मिली जमानत

प्रयागराज : पूर्व मंत्री आजम खां ने तीन मुकदमों में सोमवार को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। सरेंडर अर्जी पर सुनवाई करने के बाद न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जमानत की शर्तों को पूरा करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। इस दौरान आजम खां करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहे।

loksabha election banner

आजम खां पर यह था मामला

पहला मुकदमा रामपुर जिले के टांडा थाने से संबंधित है। वाल्मीकि समाज को अपमानित करने के आरोप में यहां आठ अगस्त 2007 को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। दूसरा मुकदमा रामपुर के कोतवाली थाने में 30 जून 2017 को हुआ था। एक कार्यक्रम में पूर्व मंत्री ने भारतीय सैनिकों को दुष्कर्मी बताया था, जो राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। तीसरा केस भी कोतवाली थाने में 11 अप्रैल 2014 को लिखा गया था।

पीएम मोदी पर की थी आपत्तिजनक टिप्‍पणी

तत्कालीन सहायक रिटर्निंग अधिकारी अमित सिंह का आरोप है कि रामपुर शहर स्थित किला मैदान में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा के दौरान अपने भाषण में आजम खां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पर उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में एफआइआर कराई गई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनोद चंद्र दुबे ने अपने तर्क में कहा कि आरोपित नौ बार विधायक और पांच बार मंत्री रह चुके हैं। राजनैतिक विद्वेष के तहत फर्जी फंसाया गया है।

राजकुमारी रत्ना सिंह के खिलाफ वारंट जारी

पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह के खिलाफ दो मुकदमों में एमपी एमएलए कोर्ट ने वारंट जारी किया है। मुकदमे में हाजिर न होने और हाजिरी माफी अर्जी न मिलने पर यह आदेश न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने दिया है। प्रतापगढ़ जिले के बाघराय थाने में 16 फरवरी 1998 को मतदान के दौरान मत पेटिका में पानी डालने और मतदान में बाधा डालने के आरोप में रत्ना सिंह के खिलाफ दो मुकदमे लिखे गए थे। दोनों घटनाएं बेघन गोपालपुर में हुई थीं। इन मुकदमों में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ कमल सिंह ने 24 नवंबर 2018 को आरोप तय किया। पत्रावली गवाही में चल रही है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख छह फरवरी मुकर्रर किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.