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बोले पूर्व सैनिक, अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सिखाना होगा सबक

वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन की पाकिस्‍तान द्वारा वापसी के एलान से पूर्व सैनिक भी गदगद हैं। उनका कहना है कि अब वह समय आ गया है कि पाकिस्‍तान को सबक सिखाना होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 02:05 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 02:05 PM (IST)
बोले पूर्व सैनिक, अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सिखाना होगा सबक
बोले पूर्व सैनिक, अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सिखाना होगा सबक

प्रयागराज : विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान से वापसी के एलान से पूरा देश खुश है। पाकिस्तान भारत के उग्र तेवर को देखकर सहम गया है यही कारण है कि आज पाकिस्तान हमारे वीर जवान अभिनंदन को रिहा करने को विवश हो गया है। हमारा भारत न तो किसी से झुकता से और न ही किसी से डरता है। जो भी भारत से टकराता है वह चूर-चूर हो जाता है। सेना के रिटायर अफसरों से बातचीत में उनका पाकिस्तान के प्रति आक्रोश झलका।

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भारत ने बनाया पाकिस्तान पर दबाव :  राजनाथ त्रिपाठी

कैप्टन राजनाथ त्रिपाठी का कहना है कि जिस प्रकार भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया हुआ है, उससे पीछे नहीं हटना चाहिए। यदि पाकिस्तान हमारे जवान को रिहा नहीं करता तो विश्व स्तर यह मुद्दा उठता। कोरांव निवासी रिटायर्ड सूबेदार शिवलाल सिंह आक्रोशित भरे स्वर में कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो खून का एक-एक बूंद भारत माता की सेवा के लिए कुर्बान कर दूंगा। पाकिस्तान ऐसा देश है जो चोरी से वार करता है। हमारे जवान अभिनंदन ने जिस तरह से साहस का परिचय दिया है उससे हम सभी को गर्व है।

हमारे जवान विपरीत हालत में भी नहीं घबराते : शिवदत्त सिंह

वहीं रिटायर्ड हवलदार शिवदत्त सिंह ने कहा की हमारे जवान विपरीत परिस्थितियों में नहीं घबराते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे जवान अभिनंदन हैं। लेडिय़ारी निवासी पूर्व कैप्टन संगम लाल त्रिपाठी ने कहा कि अभिनंदन की वापसी से हमारा देश आज गर्व महसूस कर रहा हैै।  फूलपुर के देवनहरी गांव निवासी रिटायर्ड सूबेदार बलराम पाल ने कहा कि आतंकवाद व पाकिस्तान से निपटने के लिए हम मर मिटने के लिए तैयार हैं। कहा कि 1999 में हमारी तैनाती कश्मीर में बार्डर पर ही थी। हम लोगों ने पाक के उपर हमले कर फतह हासिल किया था। हरभानपुर गांव निवासी रिटायर्ड मेजर लालप्रताप सिंह, सैनिक भूपेंद्र सिंह, कैलाश सिंह, इंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश के लिए हर समय तैयार हैं।

95 साल की उम्र में भी वही जुनून

सेना में सूबेदार मेजर के पद से रिटायर मऊआइमा के सुल्तानपुर खास निवासी 95 वर्षीय रियाजुद्दीन का वही तेवर अभी भी है। उन्होंने कहा कि यदि जंग हुई तो पाकिस्तान का खत्मा हो जाएगा। वहीं हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। पूर्व में हुई चीन व पाकिस्तान की जंग में वीरता के लिए इन्हें तमाम मेडल से भी नवाजा जा चुका है।

पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए : तेजबली सिंह

पौसिया चौहान निवासी तेजबली सिंह सेना से रिटायर हैं। वर्ष 1960 में आर्मी शामिल होकर उन्होंने हैदराबाद, अमृतसर आदि स्थानों पर ड्यूटी की। वर्तमान परिस्थितियों के संबंध में उन्होंने कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है। भारत सरकार ने जिस तरह से विश्व में पाकिस्तान का नकाब उतारा है, उसी प्रकार से अन्य देशों से दबाव बनवाकर आतंकवाद को समाप्त करने की रणनीति तय करना चाहिए। इसके बाद भी यदि बात नहीं बनती तो पाकिस्तान को सबक भारत सिखा दे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निकालना होगा हल

बाकराबाद गांव निवासी बीएसएफ के रिटायर्ड सूबेदार मेजर 80 वर्षीय मंजूर अहमद ने कहा कि आतंकवाद और पाकिस्तान से निपटने का रास्ता सिर्फ जंग नहीं इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक हल तलाशना होगा। मैं पूरे परिवार के साथ फिर से देश की सेवा कर सकता हूं।

हमारा पूरा परिवार तैयार

सुल्तानपुर खास निवासी सेना में कैप्टन रहे मतीउल्ला ने कहा कि युद्ध सिर्फ देशों की बर्बादी है। हमारे जवान को रिहा करने के लिए पाकिस्तान को विवश होना पड़ा। पाकिस्तान भारत के तेवर को भली भांति समझ चुका है। उन्होंने संकट की इस घड़ी में लोगों से कथित अफवाह न फैलाने की अपील की है।

कारगिल युद्ध में रहे शामिल

सिसई सिपाह गांव निवासी भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग अफसर रहे हशमत अली ने कहा कि हम सबको आज गर्व होना चाहिए कि अभिनंदन जैसा जवान हम लोगों के साथ है। हिंदुस्तानी असलहों व फौज के सामने पाकिस्तान का वजूद नहीं है। उन्होंने कहा वह कारगिल युद्ध मे शामिल रह कर दुश्मनों के छक्के छुड़ा चुके हैं।

जवानों को धोखे से मारना शर्मनाक

पूर्व सूबेदार ज्ञानपाल सिंह ने कहा कि पुलवामा में आतंकवादियों ने जिस तरह से हमारे जवानों पर हमला किया, उससे शर्मनाक कुछ नहीं है। अब भी पाकिस्तान का खात्मा करने के लिए मेरी हड्डियों में जोर है। भारत पूरी तैयारी में यह पाकिस्तान जान चुका है।

आतंकवाद को खत्म करने का समय

अंग्रेजी शासन काल में मेजर रहे सूबेदार राजबहादुर सिंह की उम्र 97 वर्ष है। यह कहते हैं कि हमारे जवान इतने कमजोर नहीं कि पाकिस्तान जैसे देश से डर जाएं। पाकिस्तान भारत से भयभीत है।


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