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पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जोशी ने कहा-विज्ञान को सरल बनाना है जटिल नहीं Prayagraj News

ट्रिपल आइटी में राष्ट्रीय वार्षिक कन्वेंशन-2019 का आयोजन हो रहा है। इस दौरान हुई संगोष्ठी में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉक्‍टर जोशी ने विज्ञान को सरल बनाने की बात कही।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 01:29 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 01:29 PM (IST)
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जोशी ने कहा-विज्ञान को सरल बनाना है जटिल नहीं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री व पद्म विभूषण डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि यदि विज्ञान में हमें नोबल पुरस्कार हासिल करना है तो मूल चिंतन और मौलिकता पैदा करनी होगी। भौतिकी प्रकृति के बिल्कुल करीब है। हमें विज्ञान को सरल बनाना है जटिल नहीं। इसे आम जीवन के उदारहण से जोडऩा होगा। डॉ. जोशी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में विचार रख रहे थे।

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ट्रिपल आइटी में आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए डॉ. जोशी

ट्रिपल आइटी में तीन दिवसीय इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स के34वें राष्ट्रीय वार्षिक कन्वेंशन-2019 व भौतिक विज्ञान शिक्षण और अनुसंधान में वर्तमान में हुए प्रगति और नवाचार पर संगोष्ठी आयोजित की गई थी। डॉ. जोशी ने विभिन्न संस्थानों से आए हुए भौतिक विज्ञान के शिक्षकों से कहा कि वह शिक्षण कार्य में सरल से सरल भाषा का प्रयोग करें ताकि छात्र आसानी से समझ सकें। प्रत्येक वर्ष नए तरीके से पढ़ाना चाहिए और उसमें हमेशा नवाचार का समावेश करना चाहिए।

उन्होंने भौतिकी को पंचमहाभूत बताया

उन्होंने भौतिकी को पंचमहाभूत बताते हुए इसे अपने प्राचीन ज्ञान से जोड़ कर देखने पर बल दिया। कहा कि हमें प्रकृति को समझना होगा। उन्होंने बताया कि संहिताओं, ब्राह्मणों अरण्यकों, उपनिषदों, वेद पुराण पर ही आधुनिक खोज हो रहे है। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि देश में भौतिक शास्त्र में वैज्ञानिक सीवी रमन के बाद अब तक किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। इसके लिए हमें अपने मूल तत्वों पर ध्यान देने की जरूरत है। डॉ. जोशी ने प्रो. प्रफुल्ल चंद्र राय के बारे में लोगों को अवगत कराया कि वह रसायन शास्त्र के महान शिक्षक ही नहीं बल्कि उन्होंने देश में रसायन उद्योग की नींव भी डाली थी।

प्रो. नागभूषण ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में व्याप्त कमियों को इंगित किया

संस्थान के निदेशक प्रो. नागभूषण ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में विद्यमान कमियों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि छात्रों को भौतिक और रसायन विज्ञान को इतनी सख्ती से क्यों पढ़ाया जा रहा है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. अखिलेश तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रो. केएन जोशीपुरा ने इस आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। प्रो. विजय सिंह व प्रो. बीपी त्यागी ने भी विचार रखे। प्रो. कृष्णा मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर प्रो. शिव गोपाल मिश्र, प्रो. आरएन कपूर को सम्मानित किया गया।

सम्मानित होने वाले छात्र

डॉ. जोशी द्वारा देश के पांच युवा छात्रों को सम्मानित किया गया। हर्षित जोशी, कृष्ण कुमार माधव, प्रश्न कुमार दुबे, सिंघल अजीत तथा कुशल पंचाल को भौतिक विज्ञान में आइएपीटी द्वारा आयोजित परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया।


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