नया संगमः राष्ट्रपति के पूजा पाठ के लिए गंगा की नई धारा यमुना से जोड़ी
नया संगमः गंगा की नई धारा बनाकर अस्थायी संगम तैयार कर दिया गया है, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूजा-पाठ और आरती करेंगे।
इलाहाबाद (जेएनएन)। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार संगम नगरी आ रहे रामनाथ कोविंद के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। खासतौर पर संगम को नया लुक दिया जा रहा है। गंगा की नई धारा बनाकर अस्थायी संगम तैयार कर दिया गया है, जहां महामहिम पूजा-पाठ और आरती करेंगे। वह अब संगम कार से जाएंगे। इसके लिए माघ मेला क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। पहले स्टीमर से उन्हें संगम तक ले जाने की व्यवस्था हो रही थी, मगर राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे उच्चाधिकारियों ने जल मार्ग से ले जाने से इन्कार कर दिया। राष्ट्रपति दो दिवसीय दौरे पर 15 दिसंबर को आ रहे हैं। उनकी यात्रा के मद्देनजर शहर के साथ-साथ संगम पर भी खास कवायद की जा रही है।
संगम पर अचानक गंगा का पानी कम हो जाने और संगम नोज के ठीक सामने रेत का ठीहा बनने के बाद संभावनाएं तलाशी गईं। आनन-फानन में गंगा की नई धारा बनाने और उसे यमुना में जोडऩे की कवायद शुरू हुई। बुधवार रात ही फैसला किया गया कि गंगा की नई धारा बनाई जाएगी। गुरुवार सुबह से ही तीन जेसीबी, पोकलैंड मशीनें लगा दी गईं। यही नहीं कानपुर से दो विशेष मशीनें मंगा ली गई। गंगा की नई धारा बनाने के लिए लगाई गई सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की टीम के विशेषज्ञों ने बताया कि गुरुवार शाम तक गंगा की नई धारा लगभग बना दी गई है, जिसका पानी यमुना में मिलाकर अस्थायी तौर पर संगम बना दिया गया। यहां पर ही प्लेटफॉर्म बनाया गया, जहां महामहिम शनिवार सुबह पूजा-पाठ और त्रिवेणी आरती करेंगे।
तैयार हो रहा सिक्स लेन का एक्सप्रेस-वे
महामहिम के संगम जाने के लिए माघमेला क्षेत्र में 2800 मीटर लंबा व 48 मीटर चौड़ा सिक्स लेन का एक्सप्रेस-वे तैयार किया जा रहा है। चकर्ड प्लेट से बनाए गए, इस एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर बेरीकेडिंग की जा रही है। महामहिम की फ्लीट गुजरने के दो घंटे पहले वाहनों को रोक दिया जाएगा। शुक्रवार शाम को इसकी लेबलिंग और ड्रेसिंग की जाएगी। यह मार्ग माघमेला के लिए तैयार किया जा रहा था, जिसमें दो लेन बढ़ाकर इसे एक्सप्रेस-वे का नाम दे दिया गया।
आगमन से मेले का कार्य आसान
सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता मनोज सिंह ने बताया कि महामहिम के आगमन को लेकर की गई तैयारियों से माघ मेले का कार्य और भी आसान हो जाएगा। माघ मेला के दौरान संगम के सर्कुलेटिंग एरिया को बढ़ा दिया जाएगा। गंगा की जो नई धारा बनाई गई है, उसका पाट और बढ़ाया जाएगा। वहां घाट बनाया जाएगा, जहां माघ मेला के दौरान श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।
निर्मल जल को विशेष मशीन
महामहिम के आने पर गंगा और यमुना में गंदगी न दिखे, इसके लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत लाई गई विशेष मशीन को भी पानी में उतार दिया गया है। मशीन नदी से फूल-माला, प्लास्टिक आदि को पानी से निकाल लेती है। तमिलनाडु से लाई गई इस मशीन को चलाने में एक घंटे में पांच लीटर डीजल की खपत होती है।