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मौसम ने ली करवट तो शहर से लेकर गांव तक बना बीमारियों का डेरा Prayagraj News

इस मौसम में डेंगू ने तो रिकार्ड तोड़ दिया है। वहीं बुखार सर्दी-जुकाम के साथ गले में संक्रमण के मरीज भी बढ़े हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्‍या बढ़ गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 03:21 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 03:21 PM (IST)
मौसम ने ली करवट तो शहर से लेकर गांव तक बना बीमारियों का डेरा Prayagraj News
मौसम ने ली करवट तो शहर से लेकर गांव तक बना बीमारियों का डेरा Prayagraj News

इलाहाबाद, जेएनएन। दिन में गर्मी और रात में सर्दी। मौसम के इस उतार चढ़ाव का सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। बड़ों के साथ ही बच्चे भी बीमारियों से ग्रस्त हैं। सर्दी, जुकाम और बुखार से पीडि़त लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। डेंगू की रफ्तार भी थमने का नाम नहीं ले रही। सरकारी अस्पतालों में तो मरीजों की भीड़ बढ़ी ही है, नर्सिंग होमों में भी बेड फुल हो गए हैं।

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तापमान में भी उतार-चढ़ाव

मानसून समय से आया और सामान्य से ज्यादा बारिश भी हुई। इसके चलते तापमान में भी उतार-चढ़ाव चल रहा है। नतीजा बीमारियों को भी पनपने का मौका मिल गया। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में आधे का अंतर है। दिन में पारा 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास टिका हुआ है, जबकि रात में 14 के आसपास रहता है। रात होते ही ठंड रफ्तार पकडऩे लगती है। ऐसे में बीमारियों को पनपने का मौका मिल गया है। शहर से लेकर गांव तक बीमारियों ने पांव पसार लिए हैं। डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों ने तेजी से अपना दायरा बढ़ाया है।

एक सप्ताह से बुखार नहीं उतर रहा है तो जरूर कराएं जांच

आंकड़ों पर जाएं तो हर तीसरा मरीज बुखार से परेशान होकर अस्पताल पहुंच रहा है। उनमें डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड का खौफ समाया हुआ है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर बुखार एक सप्ताह से अधिक समय तक ठीक नहीं होता है तो इसकी जांच जरूर कराएं। लापरवाही बरतने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। मरीजों में बच्चों की संख्या भी अच्छी खासी है। सांस व हृदय रोगियों को भी इस मौसम में अधिक समस्या हो रही है। एसआरएन अस्पताल की फिजीशियन डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि इस मौसम में अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही कतई न करें। इस समय रात में पंखा या कूलर का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।

क्या करें

- मरीज को वायरल है तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और उसकी इस्तेमाल की गई चीजें प्रयोग में न लाएंं। मरीज को पूरा आराम करने दें, खासकर तेज बुखार में।

- वायरल होने पर बच्चे को स्कूल न भेजें। इससे बीमारी दूसरे बच्चों में नहीं फैलेगी। मरीज के कमरे में ताजी हवा आने दें।

तापमान में कमी ला रही पश्चिम की हवा

पश्चिमी हवा धीरे-धीरे तापमान कम कर रही हैं। इससे सुबह और शाम को ठंड बढऩे लगी है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष और मौसम विज्ञानी डॉ. एसएस ओझा का कहना है कि कुहासा सक्रिय हो रहा है। दिन में धूप तेज हो रही है, जिससे अधिकतम पारा चढ़ जाता है। हालांकि पश्चिमी हवा न्यूनतम तापमान को धीरे-धीरे गिरा रही हैं। इससे इस महीने के अंत और अगले माह के प्रथम सप्ताह से अच्छी ठंड पडऩे लगेगी। ठंड बढऩे पर कुहासा भी तेज होगा। 

घने कोहरे में रोडवेज बस के चालकों को ऑल वेदर बल्ब दिखाएंगे रास्ता

रोडवेज की बसें अब घने कोहरे में भी बेधड़क चलेंगी। बसों की हेड लाइट में दाहिनी ओर (ड्राइवर की तरफ) ऑल वेदर बल्ब ड्राइवर को रास्ता साफ दिखाने में सहायक बनेंगे। बल्ब का ऑल वेदर की खासियत यह है कि इसकी रोशनी सामान्य मौसम में दूधिया रहेगी लेकिन जहां कोहरा होने पर दृश्यता कम होगी वहां रोशनी में पीलापन आ जाएगा। 70 फीसद बसों में इसे लगाया जा चुका है। प्रयागराज परिक्षेत्र के सभी डिपो में कुल 522 बसें संचालित हैं। इन सभी में ऑल वेदर बल्ब लगाए जाने का लक्ष्य है। रोडवेज के प्रयागराज क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि रखते हुए बसों में ऑल वेदर बल्ब लगाए जा रहे हैं ताकि घने कोहरे में दृश्यता कम होने पर भी दुर्घटना से बचाव हो सके। कहा कि ड्राइवरों से रिपोर्ट सकारात्मक आ रही है और इन बसों का सफल परीक्षण पिछले सप्ताह किया जा चुका है।


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